Keto Diet causes Breast Cancer: हाल ही में एक महत्वपूर्ण अध्ययन ने हाई-फैट कीटो डाइट (High fat Keto Diet) को लेकर गंभीर चेतावनी दी है. इस स्टडी में पाया गया है कि इस प्रकार की डाइट ब्रेस्ट कैंसर (Breast ) के जोखिम को बढ़ा सकती है. खासकर उन महिलाओं में जो मोटापे से ग्रस्त हैं. अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ यूटा के शोधकर्ताओं ने चूहों पर किए गए प्रयोगों में देखा कि हाई-फैट डाइट से शरीर में फैटी एसिड्स की मात्रा बढ़ जाती है. जो कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को बढ़ावा देती है.
विशेषज्ञों का कहना है कि मोटापे से जुड़ी फैटी एसिड्स ब्रेस्ट कैंसर के विशेष रूप से आक्रामक रूपों को बढ़ावा दे सकती हैं. इससे यह संकेत मिलता है कि कीटो डाइट जैसी हाई-फैट डाइट उन महिलाओं के लिए हानिकारक हो सकती है जो पहले से ही कैंसर से जूझ रही हैं या जिनका बॉडी मास इंडेक्स (BMI) अधिक है.
फैटी एसिड्स की मात्रा को नियंत्रित कैसे करें
हालांकि, यह अध्ययन चूहों पर आधारित है, लेकिन इसके परिणाम मानव स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डाल सकते हैं. अतः विशेषज्ञों का सुझाव है कि ब्रेस्ट कैंसर से प्रभावित महिलाओं को अपनी डाइट में बदलाव करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए. इसके अलावा, फैटी एसिड्स की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए दवाओं का उपयोग भी सहायक हो सकता है.
डाइट का सीधा प्रभाव
इस अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि डाइट का सीधा प्रभाव कैंसर के जोखिम पर पड़ता है. इसलिए, यह आवश्यक है कि हम अपनी डाइट को संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर बनाएं, ताकि हम ब्रेस्ट कैंसर जैसे गंभीर रोगों से बच सकें. अंततः, यह अध्ययन हमें यह याद दिलाता है, कि स्वस्थ जीवनशैली और सही आहार ही कैंसर जैसे रोगों से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है.
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