Newborn Baby Facts: बच्चे के जन्म का पल हमेशा भावनाओं और नई शुरुआत से भरा होता है. लगभग हर बच्चा पैदा होते ही रो पड़ता है ये सभी को पता है और सभी ने देखा है, लेकिन क्या कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? क्या कोई बच्चा बिना रोए या मुस्कुराते हुए भी पैदा हो सकता है?
मां के गर्भ में बच्चा लगभग नौ महीने एक बेहद सेफ माहौल में रहता है. बाहर की दुनिया उसके लिए बिल्कुल नई और अलग होती है- हवा, रोशनी, तापमान, आवाजें… सब कुछ नया. इसी बदलाव के साथ उसका शरीर भी नए ढंग से काम शुरू करता है. रोना उसी बदलाव का पहला संकेत है.
पहली सांस की शुरुआत
गर्भ में बच्चे के फेफड़े तरल से भरे होते हैं और वो असल में सांस नहीं लेता. जैसे ही बच्चा बाहर आता है, पहली बार हवा उसके फेफड़ों में प्रवेश करती है. ये पहली सांस गहरी और तेज होती है, जिससे फेफड़े फैलते हैं और श्वसन तंत्र काम में आता है. इसी प्रक्रिया के दौरान बच्चा रो पड़ता है ये उसके शरीर का सिस्टम ऑन होने जैसा पल होता है.
तापमान और माहौल का झटका
गर्भ का तापमान हमेशा लगभग 37°C रहता है गर्म, शांत और स्थिर. बाहर की दुनिया ठंडी, उजली और आवाजों से भरी होती है. ये अचानक बदलाव बच्चे को हल्का झटका देता है, जिससे वो रोकर प्रतिक्रिया देता है. तेज रोशनी, हवा का एहसास सब बच्चा पहली बार महसूस करता है. ये भी रोने का कारण बनता है.
डॉक्टर रोने को क्यों जरूरी मानते हैं?
जन्म के तुरंत बाद डॉक्टर बच्चे के स्वास्थ्य का आकलन करते हैं, जिसे एप्गर स्कोर कहा जाता है. अगर बच्चा रो रहा हो तो यह संकेत होता है कि अच्छी तरह सांस ले रहा है उसका शरीर सक्रिय है. अगर बच्चा नहीं रोता, तो डॉक्टर उसकी पीठ या पैरों पर हल्की थपकी देते हैं ताकि वह सांस लेने लगे.
क्या बच्चा बिना रोए भी पैदा हो सकता है?
हां, ऐसा हो सकता है, कुछ बच्चे बिना रोए भी सामान्य सांस लेते हुए पैदा होते हैं. उनकी त्वचा गुलाबी हो और शरीर एक्टिव हो तो ये बिल्कुल नार्मल माना जाता है. हालांकि ऐसे मामले कम होते हैं.
अगर बच्चा न रोए और न ही सांस ले रहा हो, तो ये चिंता की बात होती है. इस स्थिति में डॉक्टर उसका श्वास मार्ग साफ करते हैं, उसे ऑक्सीजन देते हैं, शरीर को गरम रखते हैं और उसे हल्की थपकी देकर एक्टिव करने की कोशिश करते हैं. ये स्वस्थ शांत नहीं माना जाता, बल्कि तत्काल देखभाल की जरूरत होती है.
क्या कोई बच्चा जन्म लेते ही हंस सकता है?
विज्ञान कहता है नहीं, हंसना एक जटिल न्यूरोलॉजिकल प्रक्रिया है, जो जन्म के कुछ हफ्तों बाद ही विकसित होती है. नवजात में ऐसा करने की क्षमता नहीं होती. कभी-कभी जन्म के बाद जो हल्की मुस्कान दिखती है, वो रिफ्लैक्स स्माइल होती है असली हंसी नहीं, सिर्फ मांसपेशियों की हलचल.
कहानियों में बहुत कुछ मिलता है, पर वैज्ञानिक रूप से कोई बच्चा जन्म के क्षण में हंसते हुए दर्ज नहीं हुआ है. हां, शांत जन्म के मामले मिलते हैं, जहां बच्चा बिना रोए, लेकिन सामान्य सांस लेते हुए पैदा हुआ.

