आप में से शायद बहुत से लोग मोहम्मद रफी को जानते होंगे 1970 के दशक में ये एक बेहद सम्मानित गायक बन चुके थे। लेकिन आज हम उनके गानों की बात नहीं करेंगे, बल्कि उनके कुछ ऐसे किस्सों पर ध्यान देंगे, जिन्हें जानकर आप चौंक जाएंगे। चलिए जानते हैं वो क्या हुआ, जिसकी वजह से कभी लोगों ने रफ़ी साहब को आलोचना का सामना भी करना पड़ा।
मोहम्मद रफी की अनसुनी कहानी
शुरुआत में जब रफी साहब ने अपना करियर शुरू किया था, तो लोग उनकी आवाज़ सुनकर झूम उठते थे। फिर एक दिन वे कहीं गाने गए और वहीं एक मौलाना ने कह दिया: “गाना गाना पाप है, और अल्लाह आपको कभी माफ नहीं करेगा।” यही बात सुनकर रफ़ी साहब के दिल पर इतना गहरा असर हुआ कि उन्होंने खुद को सच में पापी मान लिया। डर की वजह से उन्होंने गायन छोड़ने का मन बना लिया और बॉलीवुड से दूर रहकर चुपचाप मुंबई छोड़कर लंदन चलते बने — सोचा, कहीं उन्हें कोई परेशान न करे।
आखिर सब छोड़ के मोहम्मद रफी क्यों गए लंदन
जब रफी साहब लंदन गए, तो उनके बड़े बेटे और एक मौलाना ने उन्हें समझाया। बोला गया कि गाना कोई पाप नहीं, बल्कि ईश्वर का दिया हुआ वरदान है, और उन्हें उस आवाज़ का उपयोग करना चाहिए। इस बात ने उनका दिल थोड़ी राहत मिली, क्योंकि उन्होंने समझा कि उनकी आवाज़ ही उनका जीविका का साधन है। फिर वे मुंबई लौट आए और फिर से गाना शुरू कर दिया।
आखिर कब की है ये बात
वही 1971‑72 की बात है, उस समय वह अपनी पत्नी के साथ हज गए थे — जिसे ‘अकबरी हज’ भी कहते हैं। उसी दौरान वाकया हुआ, मौलाना ने कहा था कि गाना गुनाह है। लेकिन मज़ेदार बात ये रही कि लंदन में एक और मौलाना ने ही उन्हें बतया कि गाना पाप नहीं है। यह सारी बातें रफ़ी साहब ने एक पत्रकार को इंटरव्यू में बताईं।और आज भी जब वे हमारे बीच नहीं रहे — लेकिन उनकी आवाज आज भी लोगों को बेहद पसंद है। यहां तक कि उनकी जिंदगी आज भी गानों की वजह से याद की जाती है। और अगर उनकी ज़िन्दगी की बात करें तो, वे केवल 55 साल की उम्र में ही दुनिया से चले गए, क्योंकि उन्हें दिल और डायबिटीज से जुड़ी बीमारियाँ थीं।

