Delhi News: दिल्ली के शास्त्री पार्क आईएसबीटी के पास श्री सिद्ध बाबा श्याम गिरि मंदिर नामक एक चमत्कारी मठ है. कुछ लोग मठ को बागेश्वर धाम भी कहते है. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां की भस्म लगाने मात्र से ही लोगों की समस्याएं दूर हो जाती है. रविवार को तो वहां खड़े होने की भी जगह नहीं बचती है. यहां बहुत भीड़ होती है और लोग अपनी समस्या लेकर आते है.
दिल्ली का एक अनोखा हिंदू मठ आश्चर्य होगा कि यह दिल्ली का एकमात्र हिंदू मठ है जहां मुगल शासक अलाउद्दीन खिलजी ने भी सिर झुकाकर बाबा के चमत्कार को स्वीकार किया था. इस मठ का निर्माण 1296 और 1316 के बीच हुआ था. वर्तमान में बाबा के 18वें वंशज श्री रमन गिरि जी महाराज गद्दी पर विराजमान है.
अलाउद्दीन के सैनिक को बाबा ने क्यों पकड़ा
विजय राम ने उन्हें बताया कि दिल्ली में भीख मांगना कानूनन अपराध है. अलाउद्दीन खिलजी ऐसे लोगों को गिरफ़्तार करके जेल में डाल देता था. बाबा ने फिर भी मना कर दिया और दिल्ली चले गए. जब वे भिक्षा लेकर लौट रहे थे. तभी अलाउद्दीन खिलजी के सैनिकों ने उन्हें पकड़ लिया. जब उन्होंने उन्हें हथकड़ी लगाने की कोशिश की तो बाबा ने उनके हाथ बहुत ज़्यादा फैला दिए जिससे वे छोटे हो गए.
हिंदू संत कैद
जब बाबा को बिना हथकड़ी के जेल में लाया गया तो बाबा ने देखा कि साधु-संत वहां बंद है. सबकी हालत बहुत खराब थी. तब बाबा वहां बैठ गए और सभी साधु-संतों को भभूत दी और उनके साथ भजन गाने लगे. यह देखकर अलाउद्दीन खिलजी के सैनिक आए और जेलर को इसकी सूचना दी. जेलर ने बाबा श्याम गिरी महाराज से उनकी इच्छा पूछी और बाबा श्याम गिरी महाराज ने कहा कि साधु-संत केवल एक ही काम करेंगे. चक्की चलाएंगे या अनाज कूटेंगे.
बाबा की समाधि एक गुफा में है
श्री रमन गिरी जी महाराज ने बताया कि इस मठ के अंदर एक गुफा आज भी मौजूद है. बाबा उस गुफा के पास ही गायब हो गए क्योंकि उन्हें डर था कि लोग उनके चमत्कार का दुरुपयोग कर सकते है. वे अब उन्हें भजन करने की अनुमति नहीं देते थे. इसलिए उन्होंने अदृश्य हो जाना ही उचित समझा. जिस स्थान पर वे अदृश्य हुए थे. वहीं उनकी प्रतिमा स्थापित है. लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने आते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस स्थान की राख लगाने से सभी प्रकार की समस्या दूर हो जाती है.

