Cyber Crime News: अगर आपका भी कोई दोस्त या फिर करीबी आपके बातचीत को रिकॉर्ड करता है तो जरा सावधान हो जाइए. बिना आपके अनुमति के फोन पर बातचीत करना या फिर किसी भी तरह का नियमों का पालन नहीं करना अब BNS की धारा 77, 79, 351 और 356 के तहत ऐसा करना पूरी तरह से अपराध माना जाएगा. साफ तौर पर रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल धमकी, ब्लैकमेल या फिर किसी भी तरह से बदनामी के लिए किया गया तो सजा तीन साल से लेकर सात साल तक भी हो सकती है. इन मामलों में पीड़ित साइबर पुलिस या फिर ऑनलाइन पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है.
बातचीत को रिकॉर्ड करना क्यों माना जाता है अपराध ?
अगर आप अपने दोस्त, रिश्तेदार, या फिर अपने बॉयफ्रेंड से फोन पर बात कर रहे हैं तो बिना आपकी इजाजत के कोई भी आपकी बातचीत को रिकॉर्ड करता है तो इससे साइबर अपराध माना जाता है. अगर आप खुद किसी भी तरह के बातचीत का हिस्सा हैं तो तकनीकि रूप से रिकॉर्डिंग किसी भी तरह से अवैध नहीं मानी जाती है, लेकिन हां अगर सामने वाला पक्ष बिना आपके अनुमति के करता है तो अदालतें ऐसे मामलों में इरादे को सबसे ज्यादा अहम मानती हैं.
अगर आपके साथ भी ऐसा हो तो सबसे पहले क्या करना चाहिए
1. सबसे पहले नजदीकी साइबर थाने या फिर पुलिस स्टेशन में अपनी शिकायत दर्ज कराएं
2. साथ में कॉल रिकॉर्डिंग, चैट, स्क्रीनशॉट आदि सबूत के रूप में अपने पास रखें
3. आप नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) पर भी अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करा सकते हैं.
महिलाओं की निजता भंग करने महिलाओं को क्या करना चाहिए ?
1. BNS की धारा 77
BNS की धारा 77 के तहत अगर कोई किसी महिला की बिना अनुमति के उसकी निजी गतिविधियों जैसे कॉल, वीडियो, फोटो आदि को रिकॉर्ड और शेयर करता है तो यह अपराध माना जाएगा. पहली बार करने पर अपराध तीन साल की सजा के साथ-साथ जुर्माना भी भरना पड़ेगा. तो वहीं, दूसरी बार अपराध करने पर सात साल की सजा के साथ-साथ भारी जुर्माना पड़ सकता है.
2. BNS की धारा 79
BNS की धारा 79 के तहत किसी भी महिला की इज्जत को ठेस पहुंचाने वाला कोई इशारा या फिर हरकत करने पर 3 साल तक की कैद और जुर्माना भी लग सकता है.
3. ब्लैकमेल, धमकी या फिर बदनाम करने के मामलों में क्या है एक्शन?
1. BNS की धारा 351
इस धारा रके तहत किसी को डराने या फिर धमकाने की कोशिश से रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल करना भी अपराध माना जाएहगा. 2 साल तक की कैद और अगर यह किसी महिला या फिर कमजोर वर्ग के खिलाफ है तो 7 साल तक की कैद भी हो सकती है.
2. BNS की धारा 356
इस धारा के तहत किसी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाली सामग्री जैसे ऑडियो, वीडियो या कॉल रिकॉर्डिंग साझा करने पर 2 साल तक की कैद और भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है. एक बात जरूर याद रखिए किसी भी तरह से रिश्ते में भरोसा होना सबसे ज्यादा जरूरी है. अगर आप किसी के अनुमति के बिना बातचीत रिकॉर्ड करते हैं तो आपको जेल के साथ-साथ भारी जुर्माना भी भरना पड़ सकता है. तो जरा सावधान रहिए और सतर्क रहिए.

