बेडरूम की प्रॉब्लम्स बन रही हैं तलाक की वजह, जानें क्या है सेक्सुअल डिसऑर्डर
आज के समय में परफॉर्मेंस एंग्जाइटी एक आम समस्या है, जो अक्सर नवविवाहित दंपतियों और अविवाहित युवाओं में देखने को मिलती है। यह चिंता केवल लड़कों तक सीमित नहीं रहती, बल्कि लड़कियाँ भी इससे प्रभावित होती हैं. इसके कारण व्यक्ति अपनी यौन जीवन (Sexual Life) को लेकर हमेशा एक तरह के डर और घबराहट से घिरा रहता है.
क्यों होेती है परफॉर्मेंस एंग्ज़ाइटी
हर व्यक्ति में परफॉर्मेंस एंग्ज़ाइटी की वजहें अलग-अलग हो सकती हैं. उदाहरण के लिए, कई लड़के जो लंबे समय तक नियमित रूप से पोर्न देखते हैं या बार-बार मास्टरबेशन करते हैं.
पोर्न का अधिक अडिक्शन
जब किसी को पोर्न का अधिक अडिक्शन हो जाता है, तो वह अपनी रियल लाइफ में भी उन्हीं सीन्स और एक्ट्स को दोहराने की कल्पना करने लगता है.
लड़कों के परफॉर्मेंस पर असर
लड़कों में जब फैंटेसी का प्रभाव ज्यादा होता है, तो वे संबंध की शुरुआत करते समय पूरी तरह से अपने पार्टनर के साथ जुड़ नहीं पाते.
लड़कियों के परफॉर्मेंस पर असर
यदि लड़की को वजाइनिस्मस (Vaginismus) की समस्या हो, तो वह चाहकर भी सहयोग नहीं कर पाती.
परफॉर्मेंस एंग्ज़ाइटी से लड़कियों में देखी जाने वाली समस्या
परफॉर्मेंस एंग्ज़ाइटी से जूझने वाली कई महिलाओं में वजाइनिस्मस आम तौर पर पाया जाता है। इस स्थिति में उनके मन में यह डर बना रहता है कि इंटरकोर्स के दौरान बहुत अधिक दर्द होगा.
वजाइनल मसल्स का सिकुड़ना
परफॉर्मेंस एंग्ज़ाइटी के वजह से संबंध बनाने से पहले ही उनकी वजाइनल मसल्स अनायास सिकुड़कर टाइट हो जाती हैं, जिससे ऐक्ट मुश्किल या दर्दनाक हो जाता है.
रिश्तों में दरार आना
जब कपल्स को पर्याप्त सेक्शुअल सैटिस्फैक्शन नहीं मिलता, तो धीरे-धीरे उनके आपसी रिश्तों पर असर पड़ने लगता है। यह असंतुष्टि बढ़ती दूरी, लगातार खराब मूड और चिड़चिड़े व्यवहार के रूप में सामने आती है.
प्रोफेशनल लाइफ पर असर
जब पर्याप्त सेक्शुअल सैटिस्फैक्शन नहीं मिलता है तो एकाग्रता कम होने लगती है और इसका सीधा असर उनकी प्रोडक्टिविटी और प्रोफेशनल लाइफ पर भी दिखाई देता है.
मानसिक बोझ
एक ओर तो कपल्स के बीच पहले से ही परफॉर्मेंस एंग्ज़ाइटी की वजह से तनाव बना रहता है, वहीं दूसरी ओर परिवार और रिश्तेदारों की ओर से संतान के लिए दबाव और बढ़ जाता है.
Disclaimer
प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है.