भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े दस ऐसे रहस्य जिन्हें पहले कभी नहीं जानते होंगे आप
10 Mysterious Things About Lord Krishna: हिंदू धर्म के देवता भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े 10 ऐसे रहस्य हैं जिनके बारे में आपने शायद ही पहले कहीं सुना होगा. इनमें शामिल हैं, उनके पैरों का कभी धरती को सीधे न छूना, अर्जुन को गीता का उपदेश तीन बार देना जैसे कई राज़ हैं जिन्हें कम लोग जानते होंगे. तो आइए जानते हैं भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े दस सबसे महत्वपूर्ण रहस्यों के बारे में.
श्रीकृष्ण के पांव नहीं छूते थे धरती
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, भगवान श्रीकृष्ण के पैर हमेशा पृथ्वी से थोड़े ऊपर रहते थे और वे कभी भी सीधे धरती को नहीं छूते थे. ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वे पूर्ण अवतार थे और उनका शरीर दिव्यता से भरा हुआ था.
तीन बार दिया गीता का उपदेश
अधिकांश लोग जानते हैं कि श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्ध में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था. पर रहस्य यह है कि उन्होंने यह उपदेश तीन बार दिया, कुरुक्षेत्र में जब अर्जुन उपदेश भूल गए थे, तब दोबारा, तीसरी बार मृत्यु के बाद गीता का उपदेशा दिया था.
शरीर का स्वतः प्रज्वलन
भगवान श्रीकृष्ण के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार नहीं किया गया था. देह त्याग के बाद, उनका शरीर 'स्वयं प्रज्वलित' हो गया था. यह केवल देवताओं और पूर्ण अवतारों के साथ ही होता है. लेकिन, कुछ कथाओं के अनुसार, उनका हृदय नहीं जला और आज भी जगन्नाथ मंदिर में धड़कता है.
मूंछों वाले श्रीकृष्ण
आमतौर पर श्रीकृष्ण को बिना मूंछों या कम मूंछों के साथ ही दिखाया जाता है. लेकिन, चेन्नई के त्रिपलीकेन पार्थसारथी मंदिर में पूजे जाने वाले उनके 'पार्थसारथी' रूप में भगवान कृष्ण की मूंछें भी हैं.
राधा का नाम भागवत पुराण में नहीं
राधा श्रीकृष्ण की सबसे प्रिय प्रेमिका में से एक हैं, लेकिन यह आज भी एक रहस्य है कि उनका नाम भागवत पुराण में नहीं मिलता है. लेकिन, अन्य पुराणों और लोक कथाओं में उनकी महिमा का वर्णन है किया गया है.
कृष्ण का श्याम वर्ण
पुराणों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का रंग 'श्याम वर्ण' का था. 'श्याम' का मतलब है गेहुंआ रंग नहीं, बल्कि 'मेघश्याम' बादल के रंग के जैसा था. यह रंग काला, नीला और सफेद के मिश्रण जैसा होता है, जो उनकी दिव्यता को दर्शाता है.
शरीर से अष्टगंध की सुगंध
ऐसा कथाओं में वर्णन है कि भगवान श्रीकृष्ण के शरीर से एक बेहद आकर्षक सुगंध निकलती थी. यह सुगंध गोपीकाचंदन और रातरानी की मिलीजुली सुगंध की तरह थी, जिसे अष्टगंध कहा जाता था. इसी विशेष गंध से वे अक्सर पहचान लिए जाते थे, भले ही वे वेश बदलकर आए हों.
आयु की चिंता नहीं
जब श्रीकृष्ण ने अपना देह त्यागा था, तब भी उनके एक भी बाल सफेद नहीं थे और न ही उनके शरीर पर कोई झुर्री (Wrinkle) थी. उनका सौंदर्य और आकर्षण अंत तक बरकरार रहा था.
भगवान श्रीकृष्ण के पांच विशेष शंख
भगवान श्रीकृष्ण का प्रमुख शंख 'पाञ्चजन्य' था, जिसे बजाने पर दूर-दूर तक आवाज़ जाती थी. लेकिन इसके अलावा, उनके पास चार और शंख भी थे जिसका नाम देवदत्त, पौण्ड्र, अनंतविजय और सुघोष है.
सुदर्शन चक्र का रहस्य
भगवान कृष्ण का मुख्य अस्त्र सुदर्शन चक्र था, जो लौकिक, दिव्यास्त्र और देवास्त्र तीनों रूपों में ही काम कर सकता था. इसकी क्षमता प्रस्वपास्त्र जैसे कुछ ही अस्त्रों के बराबर मानी जाती थी.