Parenting Tips: पेरेंट्स अपने बच्चों से भूलकर भी न कहें ये बातें, बच्चे हो जाएंगे आपसे नाराज़
Parenting tips: बहुत से माता-पिता परेशान रहते हैं कि उनके बच्चे उनकी कोई बात नहीं मानते हैं. क्या आपने भी ऐसा सुना है? केवल आप अकेले नहीं है कि आपके बच्चे ऐसे बोलते हैं तो ये कोई नई बात नहीं है.
पेरेंट्स
बच्चे बहुत भावनात्मक होते हैं इसलिए उनसे आप किस तरह बात कर रहे हैं उससे उनके दिल और दिमाग दोनों पर बुरा असर पड़ता है.
बच्चे हैं परेशान
अगर आप अपने बच्चे से बोलेंगे कि आपने जो कहा है वैसा ही करो तो इस चीज को मानने में बच्चे परेशान होते हैं और उन्हें लगता है कि उनकी बात सुनी नहीं जा रही है.
बच्चों की मानसिक
अगर आप अपने बच्चे का कंपेरिजन अपने दूसरे बच्चों से करते हैं तो ये आपके बच्चे की मेंटल हेल्थ पर बुरा असर डालता है.
पेरेंटिंग
जर्नल ऑफ़ फ़ैमिली साइकोलॉजी में प्रकाशित 2005 के एक अध्ययन में पाया गया कि भाई-बहनों के बीच तुलना प्रतिद्वंद्विता को बढ़ाती है और आत्म-सम्मान को कम करती है.
पेरेंटिंग टिप्स
अगर आप अपने बच्चों को रोते वक्त ये बोलते हैं कि रो मत ये तो छोटी सी बात है. इससे आपके बच्चे की भावनाएं दबती हैं इससे आपके बच्चे को लगता है कि आप उसकी भावनाओं को नजरअंदाज कर रहे हैं.
बच्चों की मेंटल हेल्थ
अगर आप अपने बच्चों से ये बोलते हैं कि तुम इस बात को कभी नहीं समझोगे तो इससे उनके दिमाग पर गलत असर पड़ता है. 1969 में 'द साइकोलॉजी ऑफ द चाइल्ड' में प्रकाशित एक शोध पत्र से पता चला कि छोटे बच्चे भी अपने विकासात्मक चरण में तार्किक तर्क करने में सक्षम होते हैं.
बच्चे को डांटना
लेबल चिपक सकते हैं. लेबल की जगह अवलोकन लिखें: 'आलसी' की बजाय, 'मैंने देखा कि तुम थके हुए हो—चलो पता लगाते हैं कि आज होमवर्क करना मुश्किल क्यों हो रहा है'.