Navratri 2025:देवी को प्रसन्न करने के लिए 9 दिन का दान क्यों है खास
नवरात्रि 2025 एक ऐसा पर्व है जो सिर्फ उपवास और पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें किए गए दान का भी गहरा महत्व होता है. हिंदू धर्म में दान को पुण्य का सबसे बड़ा साधन माना गया है. शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि के नौ दिनों में किया गया दान कई गुना फल देकर जीवन को सुख-समृद्धि से भर देता है.बल्कि जीवन में सौभाग्य, धन, सेहत और शांति भी लाता है. आइए जानते हैं नवरात्रि के नौ दिनों में किए जाने वाले दान और उनके विशेष महत्व के बारे में.
पहला दिन ,कलश स्थापना और जलदान
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना होती है. इस दिन जलदान का खास महत्व है. माना जाता है कि प्यासे को पानी पिलाना सबसे बड़ा पुण्य है. मंदिर या किसी जरूरतमंद को जलदान करने से घर में शांति और सुख-समृद्धि आती है.
दूसरा दिन , वस्त्रदान
दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है. इस दिन जरूरतमंदों को वस्त्र दान करना शुभ माना जाता है. पुराने लेकिन साफ-सुथरे कपड़े या नए वस्त्र देकर आप किसी की जिंदगी में खुशी ला सकते हैं.
तीसरा दिन ,अन्नदान
तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है. इस दिन अन्नदान को विशेष महत्व दिया गया है. गरीब और भूखे लोगों को भोजन कराने से आपके जीवन में कभी अन्न की कमी नहीं रहती. यह दान परिवार में समृद्धि और संतोष लाता है.
चौथा दिन ,गुड़ और मिठाई का दान
मां कूष्मांडा की पूजा चौथे दिन होती है. इस दिन गुड़ और मिठाई का दान करना शुभ माना जाता है. इससे शरीर में ऊर्जा बढ़ती है और जीवन में मिठास बनी रहती है. गरीबों और बच्चों को मिठाई बांटने से घर में खुशियां आती हैं.
पांचवा दिन ,फलदान
पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा होती है. इस दिन फलदान करने से आपके जीवन में सेहत और लंबी आयु का आशीर्वाद मिलता है. फलों का दान जरूरतमंदों और साधुओं को करना विशेष रूप से फलदायी माना गया है.
छठा दिन ,दीपदान
छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. इस दिन दीपदान करने का महत्व बताया गया है. मंदिरों या अंधेरी जगहों पर दीपक जलाकर आप अज्ञानता को दूर करते हैं और ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं. दीपदान से जीवन में शांति और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है.
सातवां दिन ,अनाज और तिल का दान
सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा होती है. इस दिन तिल और अनाज का दान करना शुभ माना जाता है. इससे जीवन में नकारात्मकता दूर होती है और मानसिक शांति मिलती है.
आठवां दिन , कन्या पूजन और भोजन दान
आठवें दिन मां महागौरी की पूजा होती है. इस दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है. छोटी बच्चियों को भोजन कराना और उपहार देना सबसे बड़ा पुण्य माना गया है. इससे घर में सुख, समृद्धि और संतान सुख मिलता है. कन्या पूजन नवरात्रि का सबसे पवित्र अनुष्ठान है.
नौवां दिन,भोग और अनाज दान
नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है. इस दिन विशेष भोग अर्पित करने और अनाज दान करने का महत्व है. जरूरतमंदों को भोजन और अनाज बांटने से जीवन में सिद्धि और सफलता मिलती है.
Disclaimer
प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है.