नए श्रम कानूनों का तोहफा, यहां जानें ग्रेच्युटी के नियम में किस तरह के किए गए बदलाव
Gratuity rules in new labour law: नए श्रम कानूनों के तहत, ग्रेच्युटी नियमों में नए बदलाव किए गए हैं. अब एक साल की सेवा के बाद ग्रेच्युटी मिलेगी. इसका सीधा फायदा निश्चित अवधि, कॉन्ट्रैक्ट और महिला कर्मचारियों को भी मिल सकेगा. इतना ही नहीं यह बदलाव कर्मचारियों के लिए बेहद ही फायदेमंद होगा और उन्हें ज्यादा से ज्यादा सुरक्षा मिल सकेगी.
सेवा अवधि में कमी
ग्रेच्युटी के लिए आवश्यक सेवा अवधि को 5 साल से घटाकर अब केवल 1 साल के लिए दिया गया है.
चार नए श्रम संहिताएं हुई लागू
29 पुराने श्रम कानूनों को चार नए श्रम संहिताओं जैसे वेतन संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता, आदि में सीमित कर दिया गया है.
निश्चित अवधि के कर्मचारी
'फिक्स्ड टर्म' कर्मचारियों को अब स्थायी कर्मचारियों के समान ही ग्रेच्युटी समेत फायदे मिल सकेंगे.
कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को लाभ
तो वहीं, कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी 1 साल की नौकरी के बाद ग्रेच्युटी का भरपूर फायदा मिल सकेगा.
महिला कर्मचारियों के लिए अधिकार
संगठित क्षेत्र की महिला कर्मचारियों को ग्रेच्युटी के फायदे के साथ-साथ उन्हें नाइट शिफ्ट में काम करने का अधिकार भी दिया जाएगा.
न्यूनतम वेतन की गारंटी
सभी श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन की गारंटी सुनिश्चित की गई है, जो केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह से निर्धारित की जाएगी.
नियुक्ति पत्र की अनिवार्यता
सभी कर्मचारियों को उनकी नियुक्ति के समय एक नियुक्ति पत्र (Appointment Letter) देना भी पूरी तरह से अनिवार्य होगा.
गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को सुरक्षा
गिग वर्कर्स, प्लेटफॉर्म वर्कर्स, और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को अब PF और पेंशन जैसी सामाजिक सुरक्षा दी जाएगी.
क्या होता है विस्तृत कवरेज?
ग्रेच्युटी और सामाजिक सुरक्षा का दायरा अब असंगठित और माइग्रेंट वर्कर्स तक सिमित कर दिया गया है.
वेतन और सुरक्षा में बदलाव
इन कानूनों के तहत सैलरी, ग्रेच्युटी, पीएफ और कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा संबंधी नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं.