इन भारतीय स्टेशनों से चलती हैं इंटरनेशनल ट्रेनें, इन देशों तक सफर होता है आसान; यहां पर जानें रूट्स
International Train Routes India: भारत के कई रेलवे स्टेशन पड़ोसी देशों नेपाल और बांग्लादेश से सीधे जुड़े हैं, जो अंतरराष्ट्रीय यात्रियों और व्यापार दोनों के लिए महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी प्रदान करते हैं. बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर भारत के कुछ विशेष स्टेशन सीमा पार यात्राओं के मुख्य प्रवेश द्वार के रूप में काम करते हैं.
भारत-नेपाल रेल कनेक्टिविटी
सबसे पहले, बिहार के मधुबनी जिले में स्थित जयनगर रेलवे स्टेशन भारत-नेपाल रेल कनेक्टिविटी का प्रमुख केंद्र है. इसे भारत का इस दिशा में आखिरी रेलवे स्टेशन माना जाता है. यहां से यात्रियों के लिए नेपाल के जनकपुर तक सीधी ट्रेन उपलब्ध है.
सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन के लिए लोकप्रिय
जयनगर स्टेशन के बाहर ही नेपाल का स्टेशन स्थित है, जहां ओवरब्रिज के जरिए पहुंचा जा सकता है. चेक-इन प्रक्रिया पूरी करने के बाद यात्री आसानी से नेपाल की ओर जाने वाली ट्रेन में सवार हो सकते हैं. यह मार्ग दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन के लिए बेहद लोकप्रिय है.
रक्सौल जंक्शन
नेपाल यात्रा के लिए एक और बड़ा रेलवे केंद्र है बिहार-नेपाल सीमा के पास स्थित रक्सौल जंक्शन. इसे नेपाल का मुख्य रेल प्रवेश द्वार माना जाता है. भारत के कई हिस्सों से नेपाल की ओर जाने वाली ट्रेनें यहीं से गुजरती हैं, इसलिए यह स्टेशन व्यापार और यात्री आवाजाही दोनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.
भारत-बांग्लादेश रेल कनेक्टिविटी
बांग्लादेश के लिए रेल कनेक्टिविटी मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल से संचालित होती है. पेट्रोपोल रेलवे स्टेशन, जो ब्रिटिश काल में बनाया गया था, भारत-बांग्लादेश सीमा पर एक प्रमुख परिवहन केंद्र के रूप में कार्य करता है. यह स्टेशन बांग्लादेश के खुलना से ब्रॉड गेज लाइन द्वारा जुड़ा है. प्रसिद्ध बंधन एक्सप्रेस इसी मार्ग से चलती है. हालांकि, इस मार्ग से यात्रा के लिए यात्रियों को पासपोर्ट और वीजा की आवश्यकता होती है.
राधिकापुर रेलवे स्टेशन
इसके अलावा, उत्तरी दिनाजपुर का राधिकापुर रेलवे स्टेशन भी भारत-बांग्लादेश रेल परिवहन का एक महत्वपूर्ण हब है. यहां से मालगाड़ियां और यात्री ट्रेनें दोनों देशों के बीच चलती हैं, और यह एक सक्रिय सीमा चौकी के रूप में भी कार्य करता है.
हल्दीबाड़ी रेलवे स्टेशन
अंत में, हल्दीबाड़ी रेलवे स्टेशन, जो बांग्लादेश सीमा से मात्र 4 किलोमीटर दूर है, चिल्हाटी स्टेशन के माध्यम से दोनों देशों को जोड़ता है. भारत से ढाका आने-जाने वाली कई ट्रेनें इसी मार्ग का उपयोग करती हैं, जिससे व्यापार, पर्यटन और यात्रा सुविधाओं को नई गति मिलती है.
पड़ोसियों के साथ मजबूत रेल नेटवर्क
इन सभी स्टेशनों के माध्यम से भारत और पड़ोसी देशों के बीच रेल नेटवर्क लगातार मजबूत हो रहा है, जो क्षेत्रीय सहयोग और कनेक्टिविटी को बढ़ाता है.