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Importance Of Hariyali Teej: जानिए हरियाली तीज का आध्यात्मिक और सामाजिक महत्व
Importance Of Hariyali Teej: हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष में तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला यह त्योहार महिलाओं द्रारा अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए किया जाता हैं, हिंदू धर्म में इस त्योहार का विशेष महत्व है मान्यताओं के अनुसार यह त्योहार माता पार्वती को समर्पित होता है। इस व्रत के दौरान हरे रंग का वस्त्र धारण करना ,मेहंदी लगाना और सिंगार करना जैसी परंपराएं शामिल हैं।

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तीज की शुरुआत
पौराणिक मान्ताओं के अनुसार भगवान शंकर ने माता पार्वती की तपस्या को सावन माह में शुक्ल पक्ष की इसी तिथि को स्वीकार किया था, इसके बाद से ही सभी महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए यह व्रत रखती हैं।

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मान्यता
तीज की एक और मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को मन में ही अपना पति मान लिया था और वह हमेशा उनकी तपस्या करती रहती थी, यह देखकर उनकी सहेलियां उन्हें हरण कर जंगल में ले गई इसलिए जंगल में ले जाने के कारण हरित हरित का अर्थ है हरण करना और तालिका यानी की सखी इसलिए इस व्रत को हरितालिका तीज भी कहा जाता है।

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महिला सशक्तिकरण
यह त्योहार एक धार्मिक उत्सव के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण का भी प्रतीक है, इस दिन महिलाएं न केवल श्रृंगार करती है बल्कि एक दूसरे के साथ अपने अनुभव साझा करती हैं, यह त्योहार स्त्रियों को सामाजिक रूप से जोड़ने और अपनी शक्ति को पहचानने का अवसर प्रदान करता है इस दिन महिलाएं खुद को मानसिक रूप से सशक्त महसूस करती हैं।

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पर्यावरण
इस त्योहार का पर्यावरण से भी एक नाता है, सावन के मौसम में पेड़ों की छांव ,हरियाली और बारिश की बूंदे मिलकर इस त्योहार को सजीव बनाते हैं यह तीज का पर्व हमें प्रकृति के सौंदर्य की याद दिलाता है।

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लोकगीत
इस त्यौहार के दौरान पारंपरिक रूप से झूला झूलना और लोकगीत गाना लोगों का विशेष आकर्षण होता है ,महिलाएं पेड़ों पर झूले बांधकर गीतों के माध्यम से अपनी भावनाओं और जीवन के संघर्षों को व्यक्त करती हैं, यह गीत महिलाओं को समाज से जोड़े रखता है जो उनके सांस्कृतिक विरासत को भी जीवित रखते हैं ।

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मेहंदी
तीज और मेहंदी का विशेष महत्व है तीज के दिन महिलाएं अपने हाथों में सुंदर मेहंदी की डिजाइन बनवाती हैं, मेहंदी को प्यार का प्रतीक माना जाता है इसलिए ऐसी मान्यता है की मेहंदी जितनी गहरी रचती है वैवाहिक जीवन उतना ही सुखमय होता है।

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पूजा विधि
हरियाली तीज के पूजा की विधि भी कुछ विशेष होती है, इस दिन महिलाएं सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र को धारण करती है और उपवास करती हैं, इस त्योहार के दिन घर के मंदिर को विशेष रूप से सजाया जाता है, भगवान शिव माता पार्वती की मूर्तियां स्थापित की जाती हैं व भजन कीर्तन भी होता है।
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है.