आस्था का विराट सफर, 96 पहियों के महाकाय रथ पर दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग!
World’s Largest Shivaling: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में चकिया स्थित विराट रामायण मंदिर के लिए एक ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत हो चुकी है. जहां, दुनिया के सबसे बड़ मंदिर में 33 फीट ऊंचा और 210 मीट्रिक टन वज़न का विशाल शिवलिंग स्थापित होने जा रहा है. यह विशाल शिवलिंग तमिलनाडु के महाबलीपुरम से रवाना भी हो चुका है. इस ग्रेनाइट शिवलिंग को बनाने में लगभग 10 साल का समय लगा है और इस पर लगभग 3 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. इसके साथ ही शिवलिंग को 96 पहियों वाले विशेष ट्रक पर लादा गया है और इसे बिहार पहुंचने में लगभग 20 से 25 दिन का समय लगेगा, जिससे रास्ते में कई राज्यों के श्रद्धालु इसके दर्शन बी कर सकेंगे. शिवलिंग को अगले साल जनवरी या फिर फरवरी तक मंदिर में स्थापित किए जाने की उम्मीद लगाी जा रही है.
विराट शिवलिंग का आकार
यह शिवलिंग 33 फीट ऊंचा है और भारत के किसी भी मंदिर में स्थापित होने वाला अब तक का सबसे बड़ा शिवलिंग माना जाएगा.
कितना है शिवलिंग का वज़न?
इसका वज़न लगभग 210 मीट्रिक टन (metric tons) है और इसे बनाने में ग्रेनाइट पत्थर का इस्तेमाल किया गया है.
कहां पर हुआ शिवलिंग का निर्माण?
इस विशाल का निर्माण शिवलिंग तमिलनाडु के महाबलीपुरम स्थित पट्टीकाडु गांव में पिछले 10 सालों से चल रहा था.
रवानगी की तारीख
शिवलिंग को 21 नवंबर 2025 को महाबलीपुरम से पूर्वी चंपारण के लिए विधिवत पूजा के बाद रवाना किया गया है.
परिवहन का माध्यम
इसे ले जाने के लिए 96 पहिए वाली एक विशेष ट्रक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो इसकी विशालता के कारण बेहद ही ज़रूरी है.
शिवलिंग को कहां किया जाएगा स्थापित?
शिवलिंग को बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में चकिया और केसरिया के बीच जानकीनगर में बन रहे विराट रामायण मंदिर में स्थापित किया जाएगा.
क्या है स्थापना का समय?
उम्मीद है कि यह शिवलिंग अगले साल जनवरी के या फिर फरवरी साल 2026 तक विराट रामायण मंदिर में स्थापित की जाएगा.
मंदिर का विवरण
विराट रामायण मंदिर 1080 फीट लंबा और 540 फीट चौड़ा होगा, जिसमें कुल 18 शिखर और 22 मंदिर होंगे.
मुख्य शिखर की ऊंचाई
मंदिर के मुख्य शिखर की ऊंचाई 270 फीट होगी, जो इसे दुनिया के सबसे ऊंचे मंदिरों में से एक बनाएगा.
रास्ते में लोग कर सकेंगे दर्शन
महाबलीपुरम से बिहार तक की यात्रा में लगभग 20-25 दिन लगेंगे, इस दौरान कई राज्यों के लोग रास्ते में शिवलिंग के दर्शन भी कर सकेंगे.
Disclaimer
यहां सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर ही आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि InKhabar किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.