राम मंदिर के शिखर पर लहराएगा विशेष निर्मित भगवा ध्वज, कीमत से लेकर लाइफ एक्सपेक्टेंसी; यहां जानें सारी जानकारी
Ayodhya Ram Mandir Flag Ceremony: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को अयोध्या आएंगे और श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा झंडा फहराएंगे, जिससे मंदिर का निर्माण औपचारिक रूप से पूरा हो जाएगा. दोपहर के आसपास होने वाले इस समारोह से पूरे देश में लोगों का ध्यान खींचने की उम्मीद है, और अधिकारियों ने अयोध्या और आस-पास के जिलों में सुरक्षा बढ़ा दी है.
झंडे का साइज़ और वज़न
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से डिफेंस मिनिस्ट्री की गाइडलाइंस के मुताबिक, 22 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा यह झंडा 2 से 3 किलोग्राम वज़न का है. यह 161 फीट ऊंचे मंदिर के शिखर और 42 फीट के फ्लैगपोल के हिसाब से बनाया गया है और इसमें बॉल बेयरिंग पर लगा 360-डिग्री घूमने वाला चैंबर है.
झंडे का कपड़ा और ड्यूरेबिलिटी
सात कारीगरों ने एविएशन-ग्रेड पैराशूट नायलॉन और सिल्क से इस पवित्र निशान को हाथ से सिलने में 25 दिन लगाए. पैराशूट-ग्रेड नायलॉन और सिल्क साटन के धागों से बुना यह झंडा, हाल की रिपोर्ट्स के मुताबिक 60 किलोमीटर प्रति घंटे तक की हवा झेल सकता है, हालांकि कुछ सोर्स इसकी कैपेसिटी 200 किलोमीटर प्रति घंटे बताते हैं.अहमदाबाद के मैन्युफैक्चरर्स के मुताबिक, यह तेज़ धूप, भारी बारिश और नमी के उतार-चढ़ाव को झेल सकता है.
झंडे की लाइफ एक्सपेक्टेंसी
आउटडोर झंडे आम तौर पर नॉर्मल कंडीशन में 3 से 6 महीने तक चलते हैं; अहमदाबाद की फर्म, जिसके पास मैन्युफैक्चरिंग का 80 साल का अनुभव है, ने खास तौर पर धागों और बुनाई के पैटर्न को चुना ताकि वे उखड़ें नहीं और फीके न पड़ें, जिससे बाहरी मंदिर के हालात में भी यह लंबे समय तक चले.
कितने साल तक चल सकता है झंडा?
इस झंडे के बेहतर पैराशूट फैब्रिक और रेगुलर मेंटेनेंस प्रोटोकॉल को देखते हुए, जनरल फ्लैगकेयर स्टैंडर्ड्स के मुताबिक, इसे बदलने की ज़रूरत पड़ने से पहले 2 से 3 साल तक चल सकता है. ट्रस्ट ने पब्लिकली सही इंटरवल नहीं बताया है, और उखड़ने या फीके पड़ने के लिए रेगुलर इंस्पेक्शन की सलाह दी है. डिफेंस मिनिस्ट्री की मंज़ूरी से स्पेसिफिकेशन्स को फाइनल करने से पहले इंजीनियरों ने बड़े पैमाने पर टेस्ट किया.
इस पर उभरे हुए सिंबॉलिक एलिमेंट
सुनहरे धागे से हाथ से कढ़ाई किए गए भगवा झंडे में तीन खास सिंबल हैं: सूरज (सूर्य वंश, जो राम के शाही खानदान को दिखाता है), ओंकार सिंबल (ओम, जो कॉस्मिक चेतना को दिखाता है), और कोविदार पेड़ (अयोध्या का पवित्र पेड़, जो पुराने ग्रंथों में राम राज्य के शासन और खुशहाली से जुड़ा है).
झंडा कब, कहाँ और कौन फहराएगा
प्रधानमंत्री मोदी 25 नवंबर, 2025 को दोपहर लगभग 12 बजे एक बटन दबाएंगे, जिससे झंडा 10 सेकंड के अंदर मस्तूल पर मैकेनिकल तरीके से ऊपर उठ जाएगा.
क्या है झंडे की कीमत?
राम मंदिर बनाने की कुल अनुमानित लागत लगभग ₹1,800 करोड़ है, जिसमें से अब तक लगभग ₹1,500 करोड़ खर्च हो चुके हैं. भक्तों ने मंदिर के लिए ₹3,000 करोड़ से ज़्यादा दान दिया है. हालांकि अभी तक झंडे की कीमत सामने नहीं आई है.
विवाह पंचमी के शुभ समय पर होगा आयोजन
यह सेरेमनी विवाह पंचमी (राम-सीता की शादी की सालगिरह) पर सुबह 11:52 बजे से दोपहर 12:35 बजे के बीच शुभ समय पर होगी, जिसे लगभग 6,000 बुलाए गए मेहमान और 21 वैदिक विद्वान देखेंगे.