मुस्लिम दोस्त की बहन से शादी, मैदान पर बनाए कई रिकॉर्ड, अब हैं भारतीय क्रिकेट टीम के सेलेक्टर, जानें- अजीत अगरकर की कहानी
Ajit Agarkar: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी अजीत अगरकर ने तेज रफ्तार गेंद से विश्व क्रिकेट में गहरी छाप छोड़ी है. जरूरत के समय पर उन्होंने बल्ले से भी अपना अहम योगदान दिया है. अगरकर व्हाइट बॉल क्रिकेट में नई गेंद से स्विंग कराने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध थे. सटीक लाइन-लेंथ के साथ अजीत अगरकर शुरुआती ओवरों में महत्वपूर्ण विकेट लेकर मैच का रुख बदल देते थे. सीम मूवमेंट और तेज रफ्तार गेंदबाजी अगरकर की सबसे बड़ी ताकत थी.
कैसे की करियर की शुरुआत
4 दिसंबर 1977 को मुंबई में जन्मे अजीत बालचंद्र अगरकर ने 1996/97 में फर्स्ट क्लास और लिस्ट-ए करियर की शुरुआत की थी. शानदार प्रदर्शन के साथ उन्होंने जल्द भारतीय सीनियर टीम की ओर से भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया.
कितने काबिल थे अगरकर
इतना ही नहीं , ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1 अप्रैल 1998 को अजीत अगरकर ने अपना वनडे डेब्यू किया. छह महीनों के बाद ही उन्हें टेस्ट फॉर्मेट में भी पदार्पण का मौका मिल गया.
मुस्लिम लड़की से की शादी
अजीत अगरकर, जिन्होंने 1998 में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था, उन्हें सिर्फ एक साल बाद ही एक मुस्लिम लड़की से प्यार हो गया. यह लड़की उनके दोस्त की बहन थी. जब दोनों परिवारों को इस बारे में पता चला, तो बहुत हंगामा हुआ क्योंकि वे अलग-अलग धर्मों के थे. आखिरकार, 2002 में, सभी विरोध के बावजूद, अजीत अगरकर ने अपने दोस्त की बहन फातिमा गाडियाली से शादी कर ली.
बना चुके हैं रिकॉर्ड
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू करते हुए दुबले-पतले और जोशीले अगरकर ने टैलेंट से सभी की वाहवाही लूटी. अगरकर ने साल 1998 में वनडे फॉर्मेट में कुल 30 मैच खेले, जिसमें 23.75 की औसत के साथ 58 विकेट निकाले.
तेज वनडे अर्धशतक लगाने वाले खिलाड़ी
अजीत अगरकर ने 30 सितंबर 1998 को हरारे में जिम्बाब्वे के खिलाफ महज 23 गेंदों में अर्धशतक लगाया था. यह उस दौर में सबसे तेज वनडे अर्धशतक था. वर्तमान में भी सबसे तेज वनडे अर्धशतक लगाने वाले खिलाड़ियों में अगरकर तीसरे पायदान पर मौजूद हैं.
वनडे स्पेशलिस्ट
अजीत अगरकर की आक्रामकता उनकी विशेषता थी. अगरकर धीरे-धीरे वनडे स्पेशलिस्ट बन गए. साल 2005-06 के बीच वह भारत के सबसे असरदार वनडे गेंदबाजों में गिने जाते थे.