वजाइनल हाइजीन में सुधार के लिए अपनाएं ये 6 सरल टिप्स
महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर हमेशा से कई तरह की बातें होती रही हैं। खासकर जब बात आती है वजाइनल हाइजीन की, तो तरह-तरह के सुझाव और घरेलू नुस्खे सुनने को मिलते हैं तो चलिए जानते है की हम वजाइनल हाइजीन से जुड़े 7 बड़े मिथ और उनके पीछे की सच्चाई को विस्तार से समझेंगे, ताकि महिलाएँ सुरक्षित और स्वस्थ रह सकें।
वजाइनल दौचिंग जरूरी है
बहुत सी महिलाएँ मानती हैं कि वजाइना को अंदर से धोना यानी दौचिंग करना जरूरी है। लेकिन यह एक बड़ा भ्रम है। वजाइना खुद को साफ रखने की क्षमता रखता है।
फेमिनिन वॉश और खास साबुन जरूरी हैं
बाजार में कई तरह के फेमिनिन वॉश उपलब्ध हैं जो दावा करते हैं कि वे प्राइवेट पार्ट्स को ताजगी और खुशबू देंगे। हकीकत यह है कि इनमें मौजूद रसायन और खुशबूदार तत्व जलन और सूखापन पैदा कर सकते हैं।
वजाइनल डर्ट हमेशा समस्या की निशानी है
यह मानना गलत है कि हर गंध बीमारी का संकेत है। वजाइनल गंध मासिक चक्र के अलग-अलग चरणों में बदल सकती है और यह सामान्य प्रक्रिया है।
डिस्चार्ज यानी इंफेक्शन
बहुत सी महिलाएँ सोचती हैं कि डिस्चार्ज यानी इंफेक्शन। जबकि यह पूरी तरह मिथ है। डिस्चार्ज वजाइना की स्वाभाविक प्रक्रिया है जो नमी बनाए रखता है और अनचाहे बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद करता है।
वाइप्स, स्प्रे और पाउडर से सफाई बेहतर होती है
आजकल मार्केट में ऐसे कई प्रोडक्ट्स हैं जो दावा करते हैं कि वे प्राइवेट पार्ट्स को हमेशा ताजा और सुगंधित रखेंगे। लेकिन खुशबूदार वाइप्स, स्प्रे और पाउडर अक्सर एलर्जी, जलन और इरिटेशन का कारण बनते हैं।
प्यूबिक हेयर हटाना जरूरी है
बहुत से लोग मानते हैं कि प्यूबिक हेयर हटाना ही हाइजीन की निशानी है। लेकिन प्यूबिक हेयर वास्तव में एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है, जो धूल, बैक्टीरिया और रगड़ से बचाता है।
Disclaimer
प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है.