ललित परिहार की रिपोर्ट, Rajasthan News: जोधपुर जिले के डांगियावास थाना क्षेत्र की सरनाडा की ढाणी स्थित मकान में पेट्रोल उड़ेलकर तीन साल की पुत्री के साथ आत्मदाह करने वाली स्कूल व्याख्याता के मामले में पुलिस को सुसाइड नोट मिला है। उसके पिता का आरोप है कि गंभीर झुलसी हालत में महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती होने के दौरान भी व्याख्याता मां, पति और ससुराल वालों पर प्रताड़नाओं के आरोप लगाए हैं। इनके आधार पर पुलिस ने आत्महत्या के लिए मजबूर करने और दहेज के लिए प्रताड़ित करने का मामला दर्ज जांच शुरू की है।
पुलिस को मिला सुसाइड नोट
पुलिस को सरनाडा की ढाणी स्थित मकान से एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें 32 साल की मृतक संजू पत्नी दिलीप बिश्नोई ने अपने ससुराल वालों पर प्रताड़नाओं के गंभीर आरोप लगाए हैं और उसी की वजह से आत्महत्या करने का उल्लेख किया। उसका मोबाइल जब्त किया गया है जिसे जांच के लिए एफएसएल भेजा जाएगा। पुलिस को उससे कई महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की उम्मीद है।
पिता ने लगाए ससुराल वालों पर प्रताड़नाओं के आरोप
इस बारे में मूल रूप से कांकेलाव में सिंवरों की ढाणी और अभी झालामण्ड में पदम मुनि विहार में रहने वाले पिता ओमाराम बिश्नोई ने दामाद दिलीप, पुत्री के ससुर करनाराम, सास, पुलिस कांस्टेबल ननद लीला और सिंवरों की ढाणी निवासी गणपत सिंह के खिलाफ प्रताड़ना और आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का मामला दर्ज कराया। गणपत सिंह पर पति की मिलीभगत से प्रताड़ित करने के आरोप लगाए गए हैं।
पुत्री के साथ किया आत्मदाह
आरोप है कि 12 साल पहले संजू की शादी दिलीप से की गई थी। कार व अन्य दहेज दिया गया था। इसके बावजूद आरोपी संजू को प्रताड़ित कर रहे थे। तीन साल पहले पुत्री यशस्वी का जन्म होने के बाद और प्रताड़ित किया जाने लगा था। इससे परेशान होकर संजू ने 22 अगस्त को स्कूल से लौटने के बाद पुत्री यशस्वी के साथ आत्मदाह कर लिया था।
घटनास्थल पर मिले कई महत्वपूर्ण साक्ष्य
यशस्वी जिंदा जल गई थी और संजू का दूसरे दिन दम टूटा था। पिता का आरोप है कि अस्पताल में भर्ती होने के दौरान संजू ने ससुराल वालों पर प्रताड़नाओं के आरोप लगाए थे। हालांकि पुलिस बयान नहीं ले पाई, लेकिन ऑडियो रिकॉर्ड किए गए थे। वह बार-बार पति व अन्य के नाम ले रही थी। पुलिस घटनास्थल की एफएसएल जांच कराई थी। इस दौरान कई महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले थे। पेट्रोल की दुर्गंध वाला केन भी मौके पर मिला था। मौके पर संघर्ष के कोई निशान नहीं मिले। मकान भी अंदर से बंद था। ऐसे में प्रथम दृष्टया आत्मदाह ही माना जा रहा है।

