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27 या 28 दिसंबर कब है गुरु गोबिंद सिंह जयंती? देखें स्टेट-वाइज छुट्टी की लिस्ट; पढ़िए 10वें गुरु के बारे में वो सब कुछ जो आपको जानना चाहिए!

गुरु गोबिंद सिंह जयंती 2025 की तारीख को लेकर क्या आप भी उलझन में हैं? जानें 27 या 28 दिसंबर कब मनाया जाएगा यह पर्व. साथ ही देखें आपके राज्य में कब छुट्टी है और गुरु महाराज के जीवन से जुड़े वो अनसुने तथ्य जो हर किसी को जानने चाहिए. पूरी जानकारी यहां पढ़ें

Published by Shivani Singh

सिखों के दसवें और अंतिम मानव गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाश पर्व (जयंती) साल 2025 में पूरे भारत और विश्व भर में बड़ी श्रद्धा के साथ मनाने की तैयारी चल रही है.  अगर आपके मन में भी तारीख को लेकर ऊहापोह की स्थिति है तो आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस साल पारंपरिक चंद्र कैलेंडर (पौष माह, शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि) के अनुसार, इस वर्ष यह पावन पर्व शनिवार, 27 दिसंबर 2025 को मनाया जाएगा.

एक महान आध्यात्मिक गुरु का जीवन

गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म 22 दिसंबर 1666 को बिहार के पटना साहिब में हुआ था. वे सिख धर्म के सबसे सम्मानित आध्यात्मिक नेताओं और पथ-प्रदर्शकों में से एक हैं. उन्होंने न केवल सिख समाज को नई दिशा दी, बल्कि साहस, समानता और न्याय के मूल्यों को समाज की रग-रग में बसाया. उनका जीवन और उनका बलिदान आज भी दुनिया भर में लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है.

उत्सव की तारीख (Guru Gobind Singh Jayanti 2025 date)

ग्रेगोरियन कैलेंडर की निश्चित छुट्टियों के विपरीत, गुरु गोबिंद सिंह जयंती की तिथि सिख चंद्र कैलेंडर के अनुसार हर साल बदलती है. 2025 में, जहाँ कुछ क्षेत्रों में साल की शुरुआत (जनवरी) में यह पर्व मनाया गया था, वहीं नानकशाही कैलेंडर के अनुसार मुख्य उत्सव 27 दिसंबर को निर्धारित है.

इस शुभ दिन पर श्रद्धालु गुरुद्वारों में जाकर मत्था टेकते हैं और विशेष प्रार्थनाओं में भाग लेते हैं. गुरु ग्रंथ साहिब का निरंतर पाठ (अखंड पाठ) आयोजित किया जाता है. कई शहरों में भव्य जुलूस निकाले जाते हैं, जिनमें ‘गतका’ (सिख मार्शल आर्ट) का प्रदर्शन और भक्ति संगीत (कीर्तन) मुख्य आकर्षण होते हैं. सेवा की भावना के साथ सामुदायिक रसोई (लंगर) का आयोजन होता है, जहाँ बिना किसी भेदभाव के सभी को भोजन कराया जाता है.

यहां चेक करें स्टेट-वाइज छुट्टियां (Guru Gobind Singh Jayanti holiday list 2025)

  • उत्तर प्रदेश: राज्य सरकार ने 27 दिसंबर को पूरे प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है. इस दिन राज्य के सभी सरकारी कार्यालय, स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे.
  • पंजाब: सिख विरासत का मुख्य केंद्र होने के कारण यहाँ ‘राजपत्रित अवकाश’ (Gazetted Holiday) रहता है. शनिवार को सभी सरकारी संस्थान, बैंक और शैक्षणिक संस्थान पूरी तरह बंद रहेंगे.
  • उत्तराखंड: उत्तराखंड सरकार ने भी गुरु महाराज के प्रकाश पर्व के सम्मान में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है, जिससे स्कूल और दफ्तरों में कामकाज नहीं होगा.
  • चंडीगढ़ (केंद्र शासित प्रदेश): चंडीगढ़ प्रशासन ने भी इस अवसर पर आधिकारिक छुट्टी घोषित की है, जिससे यहाँ के स्कूल और सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे.
  • हरियाणा: यहाँ स्थानीय प्रशासनिक आदेशों के आधार पर कई जिलों में सार्वजनिक या प्रतिबंधित अवकाश रहेगा. भक्त बड़ी संख्या में धार्मिक आयोजनों में शामिल हो सकेंगे.
  • बिहार: राज्य के कई क्षेत्रों, विशेषकर पटना साहिब और आसपास के जिलों में प्रशासन ने 27 दिसंबर को सार्वजनिक अवकाश के आदेश जारी किए हैं.
  • छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के भी कई जिला प्रशासनों ने इस पावन पर्व के उपलक्ष्य में स्थानीय स्तर पर छुट्टी की घोषणा की है.
  • आवश्यक सेवाएँ: ध्यान रहे कि इन सभी राज्यों में स्वास्थ्य सेवा (अस्पताल), पुलिस, बिजली विभाग और अन्य आपातकालीन सेवाएँ सामान्य रूप से काम करती रहेंगी.

गुरु गोबिंद सिंह जी पर लिखी 5 महत्वपूर्ण किताबें (Best books on Guru Gobind Singh Ji)

गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन, साहस और दर्शन को समझने के लिए आपको ये चुनिंदा किताबें ज़रूर पढ़नी चाहिए:

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  1. ज़फ़रनामा (गुरु गोबिंद सिंह): यह स्वयं गुरु जी द्वारा लिखा गया ‘विजय पत्र’ है, जो उनके अटूट नैतिक साहस और अन्याय के खिलाफ उनकी निडरता को दर्शाता है.
  2. महान गुरु गोबिंद सिंह (डॉ. सत्येंद्र पाल सिंह): हिंदी में लिखी गई यह विस्तृत जीवनी गुरु जी के आध्यात्मिक सफर और बलिदानों को बहुत ही सरल ढंग से समझाती है.
  3. अमर चित्र कथा (माला सिंह): चित्रों के माध्यम से गुरु जी की वीरता की कहानी कहती यह किताब बच्चों और युवाओं के लिए सबसे बेहतरीन चुनाव है.
  4. लेखों का संग्रह (भूपेंद्र सिंह): यह पुस्तक गुरु जी के नेतृत्व और उनके गहरे दार्शनिक विचारों पर अलग-अलग विद्वानों के विश्लेषण को पेश करती है.
  5. एक संत सैनिक (प्रो. के.एल. जौहर): यह किताब उनके ‘संत-सिपाही’ रूप की व्याख्या करती है कि कैसे उन्होंने भक्ति और शक्ति का संतुलन बनाया.

सिख पहचान के शिल्पकार गुरु गोबिंद सिंह जी

गुरु गोबिंद सिंह जी ने सिख धर्म को एक सशक्त और अद्वितीय पहचान दी. उनके योगदान को इन मुख्य बिंदुओं से समझा जा सकता है. 1699 में बैसाखी के दिन, उन्होंने खालसा पंथ की नींव रखी. यह उन दीक्षा प्राप्त सिखों का समूह था, जो धर्म की रक्षा और उत्पीड़न के विरुद्ध खड़े होने के लिए समर्पित थे. उन्होंने सिखों के लिए पाँच अनिवार्य प्रतीक निर्धारित किए केश, कंघा, कड़ा, कचेरा और कृपाण। ये प्रतीक सिख पहचान, अनुशासन और आत्म-सम्मान के आधार बने.

मुगल काल के दौरान अत्याचार और धार्मिक कट्टरता के खिलाफ वे डटकर खड़े रहे. उन्होंने अपने अनुयायियों को सिखाया कि न्याय और स्वतंत्रता के लिए लड़ना सबसे बड़ा धर्म है. 1708 में ज्योति जोत समाने से पहले, उन्होंने घोषणा की कि उनके बाद कोई जीवित गुरु नहीं होगा. उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को सिखों का ‘शाश्वत गुरु’ घोषित किया, ताकि पवित्र धर्मग्रंथ ही हमेशा के लिए समाज का मार्ग प्रशस्त करे.

गुरु गोबिंद सिंह जयंती केवल एक उत्सव नहीं है, बल्कि यह उनके द्वारा दिखाए गए आत्म-बलिदान, सेवा और अटूट साहस के मार्ग पर चलने का संकल्प है. उनके कार्यों ने न केवल सिख धर्म को नई परिभाषा दी, बल्कि एक ऐसी मार्शल और आध्यात्मिक पहचान की नींव रखी जो सदियों से अटूट बनी हुई है.

प्रकाश पर्व के अवसर पर 10 बेहतरीन शुभकामना संदेश (Guru Gobind Singh Jayanti wishes in Hindi)

गुरु गोबिंद सिंह जयंती (प्रकाश पर्व) के अवसर पर यहाँ 10 बेहतरीन शुभकामना संदेश (Greetings) दिए गए हैं, जिन्हें आप व्हाट्सएप, फेसबुक या इंस्टाग्राम पर साझा कर सकते हैं:

  1. “सवा लाख से एक लड़ाऊं, चिड़ियन ते मैं बाज तुड़ाऊं, तबै गोबिंद सिंह नाम कहाऊं.” गुरु गोबिंद सिंह जयंती के पावन पर्व की आप सभी को लख-लख बधाइयां!
  2. वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह! गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर प्रार्थना है कि उनका आशीर्वाद सदा आप पर और आपके परिवार पर बना रहे.
  3. शौर्य और बलिदान के प्रतीक, दशमेश पिता गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं. गुरु महाराज आपको साहस और शक्ति दें.
  4. “मानस की जात सबै एकै पहचानबो” पूरी मानवता को एक समझने का संदेश देने वाले गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती पर आइए हम भाईचारे का संकल्प लें. शुभ प्रकाश पर्व!
  5. त्याग, सेवा और भक्ति का दूसरा नाम गुरु गोबिंद सिंह जी हैं. उनकी शिक्षाएं आपके जीवन में खुशहाली और शांति लाएं. गुरु पर्व की बधाई!
  6. चिड़ियों से जो बाज लड़ाए, वही सच्चा गुरु कहलाए. साहस और वीरता के शिखर गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व की बहुत-बहुत बधाई.
  7. सतगुरु सब दे काज संवारे! गुरु गोबिंद सिंह जयंती के इस शुभ दिन पर आपके जीवन के सभी दुख दूर हों और सुखों का वास हो. लख-लख बधाइयां!
  8. सच्चा सुख वही है जो मानवता की सेवा में मिले. गुरु गोबिंद सिंह जी के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लें. प्रकाश पर्व की ढेर सारी शुभकामनाएं.
  9. वाहेगुरु का नाम आपके दिल में हमेशा बसा रहे. प्रकाश पर्व के अवसर पर गुरु जी की कृपा आप पर बरसती रहे। शुभ गुरु गोबिंद सिंह जयंती!
  10. सच्चा योद्धा वही है जो कमजोर की रक्षा करे. दशमेश पिता गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व की आप सभी को कोटि-कोटि बधाई और शुभकामनाएं!
Shivani Singh

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