कश्मीरी और बंगाली लड़कियों के शौकीन थे मुगल बादशाह! हरम में चुन-चुनकर आती थीं औरतें
Mughal Harem Women: मुगलों के हरम में हजारों की संख्या में औरतें होती थीं, जिनमें बादशाह की बेगमें, दासियां और रखैलें शामिल होती थीं. लेकिन, बादशाह की नजर कश्मीरी और बंगाली औरतें पर ज्यादा रहती थी.
मुगल काल की पहचान
मुगलों ने एक लंबे समय तक भारत पर हुकूमत की है. अपने काल में मुगलों ने कई किले और स्मारक बनाए. लेकिन, मुगलों का काल सिर्फ किलों और स्मारकों तक नहीं, बल्कि भोग-विलास, संगीत और नृत्य के लिए भी जाना जाता है.
मुगल हरम की हजारों औरतें
कई इतिहासकारों ने मुगल काल के ऐसे पहलू को भी छुआ है जिससे आम लोग लंबे समय तक अंजान रहे हैं. जी हां, वह है मुगलों का हरम. मुगलों का हरम ऐसी जगह थी जहां हजारों औरतें रहती थीं. इन औरतों में बादशाह की बेगमों के साथ-साथ दासियां, नृर्तकियां और रखैलें रहती थीं.
कहां से आती थीं हरम में औरतें?
मुगलों के हरम में हजारों औरतें तो रहती थीं, लेकिन सवाल यह है कि यह औरतें आती कहां से थीं. इतिहासकार किशोरी शरण लाल ने अपनी किताब The Mughal Harem में जिक्र किया है कि मुगल दरबार के लिए औरतों को खास तौर पर नौरोज और खुशरोज मेले से लाया जाता था.
मेले से लाई जाती थीं औरतें!
मेले में देशभर की सुंदर और कला में निपुण औरतों को लाया जाता था. मेलों में बादशाह अपनी पसंद की औरतों को चुनता था और उन्हें अपने हरम में रखता था.
बंगाली और कश्मीरी औरतों पर खास नजर
इतिहासकार किशोरी शरण लाल ने अपनी किताब में लिखा है कि मुगलों की बंगाली और कश्मीरी औरतों पर खास नजर रहती थी.
क्यों पसंद थी बंगाली औरतें?
इतिहासकार के मुताबिक, बंगाली औरतें खूबसूरत होने के साथ-साथ संगीत, नृत्य और अन्य कलाओं में निपुण होती थीं.
कश्मीरी औरतों पर क्यों रहती थी नजर?
कश्मीरी औरतों को उनकी खूबसूरती और गुणों के लिए पहचाना जाता था. यही वजह है कि बादशाह खासतौर पर कश्मीरी औरतों को अपने हरम में शामिल करता था.
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