शरीर को बनाएं रोगमुक्त, अपनाएं दादी माँ के देसी और असरदार घरेलू उपाय
सर्दी और खांसी रोजमर्रा की समस्याएँ हैं, खासकर मौसमी बदलाव के दौरान. बुखार, गले में खराश, जमाव और खाँसी, ये सब हमारी दिनचर्या और सुकून भरी नींद दोनों को प्रभावित कर देते हैं. लेकिन इस स्थिति में दवाओं पर निर्भर होना जरूरी नहीं कई बार हमारे घरों में भी कुछ ऐसी चीजे उपलब्ध होती है जिस नुस्खों से हमें राहत मिल सकती है.
तुलसी काढ़ा
तुलसी को आयुर्वेद में 'प्रकृति की डॉक्टर' कहा जाता है. यह हमारी इम्यूनिटी को बढ़ाकर खाँसी और सर्दी से मुकाबले में मदद करता है और अगर आपको तुलसी का काढ़ा बनाना है तो आपके लिए ये सबसे आसान तरीका सही रहेगा जिसमें आप तुलसी की कुछ पत्तियाँ, काली मिर्च, अदरक और पानी को उबालें, फिर थोड़ी नींबू या शहद मिलाकर पिएं.
अदरक-शहद वाली चाय
अदरक की चाय को शहद की मिठास मिलाकर पीने से गले में बना खिंचाव और दर्द दोनो में राहत मिलती है. अदरक में सूजन कम करने वाले गुण होते हैं और शहद गले को कोमल बनाता है. इस चाय को दिन में दो-तीन बार लेने से खाँसी में आराम मिलता है और गले में जमा म्यूकस बाहर निकलता है.
शहद और काली मिर्च
काली मिर्च विटामिन C से भरपूर होती है और शहद का इस्तेमाल गले को शांत करने में प्रभावी है. इन दोनों का संयोजन खांसी और कफ को दूर करता है.
हल्दी वाला दूध
हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. जब इसे गर्म दूध में मिलाया जाता है तो इसकी असरने के गुण दोगुना हो जाते हैं.
स्टीम इनहेल
गरम भाप लेने से नाक और गले के रास्ते खुल जाते हैं. थोड़ी भाप में यूकेलिप्टस या पुदीने का तेल डालकर लगने पर यह और अधिक प्रभावी हो जाता है.
मुलेठी
मुलेठी को 'मीठे लकड़ी' के रूप में जाना जाता है और आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल गले की सूजन और खांसी में आराम देने के लिए किया जाता है.
दालचीनी-लौंग वाली चाय
दालचीनी (सिंक) और लौंग दोनों में एंटी-वायरल और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं. इनको उबालकर चाय बना लेने से गले का दर्द और खांसी में आराम मिलता है.
सर्दी और खांसी कि स्मस्या से झूटकारा
रेमेडी चाहे कोई भी हो, तुलसी काढ़ा हो, अदरक-शहद की चाय, हल्दी दूध, स्टीम, मुलेठी या दालचीनी-लौंग, यह सभी देसी उपाय स्वादिष्ट होने के साथ असरकारक भी हैं. वे गले में राहत, कफ को बाहर निकालना, इम्यूनिटी बढ़ाना और आरामदेह नींद दिलाने में मददगार हैं.
Disclaimer
प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है.