Karwa Chauth 2025: करवाचौथ पर करें इलायची का ये चमत्कारी टोटका दूर होगी रिश्तों की कड़वाहट बढ़ेगा प्यार
Karwa chauth 2025 : करवा चौथ का व्रत पति-पत्नी के लिए विशेष होता है और इस व्रत का समापन चंद्रमा को अर्घ्य देकर किया जाता है. यह व्रत शुक्र और चंद्रमा को मजबूत करने का भी एक अवसर है, खासकर जब यह शुक्रवार को पड़े. शुक्र वैवाहिक सुख, प्रेम और सौंदर्य का प्रतीक है, जबकि चंद्रमा मन के स्थिति को प्रभावित करता है. कमजोर शुक्र रिश्तों में कलह, ब्रेकअप और तलाक का खतरा बढ़ा सकता है. इस साल करवा चौथ शुक्रवार को पड़ रहा है और इस दिन शुक्र को प्रसन्न करने के उपाय किए जा सकते हैं.
करवा चौथ (Karwa Chauth 2025)
करवा चौथ का व्रत पति-पत्नी के लिए एक विशेष त्योहार है. इस व्रत में, पत्नियां व्रत रखती हैं, पूजा करती हैं और सौभाग्य के प्रतीक चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का समापन करती हैं.
करवा चौथ 2025
करवा चौथ का व्रत केवल इतना ही नहीं है; यह विशेष दिन ग्रहों को अपने अनुकूल बनाने का भी समय है. इस वर्ष के करवा चौथ की सबसे अच्छी बात यह है कि यह शुक्रवार को पड़ रहा है, जो चंद्रमा, देवी लक्ष्मी और शुक्र को मजबूत करने का दिन है. शुक्र को दैत्य गुरु शुक्राचार्य के नाम से भी जाना जाता है.
शुक्राचार्य के परिवार का परिचय
पौराणिक कथाओं में, शुक्र दैत्य गुरु शुक्राचार्य का प्रतीक है, लेकिन वे केवल दैत्यों के गुरु ही नहीं हैं. वैदिक ज्योतिष में, शुक्राचार्य नौ ग्रहों में से एक हैं. यह ग्रह वृषभ और तुला राशियों का स्वामी है. शुक्र स्त्रीत्व, सौंदर्य, प्रेम, प्रजनन क्षमता, कला और आनंद का प्रतीक है.
शुक्राचार्य के पुत्र
शुक्राचार्य के अपनी पत्नी ऊर्जस्वती से चार पुत्र हुए - चंड, अमरक, त्वष्टा और धरात्रा. उनकी दूसरी पत्नी जयंती (भगवान इंद्र की पुत्री) से देवयानी नाम की एक पुत्री हुई.
वैदिक ज्योतिष में शुक्राचार्य और शुक्र
वैदिक ज्योतिष में, शुक्र को एक शुभ ग्रह माना जाता है. इसका प्रभाव व्यक्ति को भौतिक, शारीरिक और वैवाहिक सुख प्रदान करता है. इसलिए, ज्योतिष में शुक्र को भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, विलासिता, प्रसिद्धि, कला, प्रतिभा, सौंदर्य, रोमांस, यौन इच्छा का कारक माना जाता है. शुक्र वृषभ और तुला राशि का स्वामी है, और मीन इसकी उच्च राशि है, जबकि कन्या इसकी नीच राशि है.
चंद्रमा और शुक्र का संबंध
चंद्रमा को शुक्र का शत्रु ग्रह माना जाता है, लेकिन दोनों समान परिणाम देते हैं. शुक्र में कुछ हद तक राक्षसी प्रवृत्ति भी होती है, जबकि चंद्रमा सभी नकारात्मकता को दूर करता है और प्रेम और रोमांस की भावनाओं को शुद्ध करता है.
ब्रेकअप और तलाक क्यों होते हैं?
सफल वैवाहिक जीवन के लिए चंद्रमा और शुक्र दोनों का संतुलन जरूरी है.अगर आपका शुक्र कमजोर है, तो आप विवाह और प्रेम में कभी सफल नहीं हो पाएंगे. आजकल रिश्तों में कलह, प्रेम संबंधों का टूटना और वैवाहिक जीवन में तलाक का एक बड़ा कारण कमज़ोर शुक्र ही है.
शास्त्रों में शुक्र का वर्णन
शास्त्रों में शुक्र का वर्णन इस प्रकार है: शुक्र का रंग श्वेत है और वे ऊँट, घोड़े या मगरमच्छ की सवारी करते हैं. वे दंड, कमल, माला और धनुष-बाण भी धारण करते हैं. शुक्र ग्रह का संबंध धन की देवी लक्ष्मी से है. वास्तव में, चंद्रमा और शुक्र दोनों ही देवी लक्ष्मी के भाई हैं. देवी लक्ष्मी ने महर्षि भृगु की पुत्री के रूप में जन्म लिया था और उन्हें भार्गवी कहा जाता था. भृगु शुक्राचार्य के पिता हैं.
करवा चौथ, शुक्रवार और शुक्र के बीच संबंध
करवा चौथ पर चंद्रमा को अर्घ्य देने से चंद्रमा का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसी प्रकार, जब पति-पत्नी उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं, तो शुक्र ग्रह मजबूत होता है. शुक्र और चंद्रमा दोनों को एक साथ मजबूत करने का एक तरीका यह है कि पति अपनी पत्नी को शुक्रवार या करवा चौथ के दिन चांदी से बनी कोई वस्तु उपहार में दे.
शुक्र ग्रह को साफ-सफाई और सुंदरता से मजबूत करता है
शुक्र ग्रह को मजबूत करने का एक आसान तरीका है साफ-सफाई और सुंदरता. अपने शरीर को साफ रखना, तेल मालिश से उसे सुंदर बनाना, सादा लेकिन आकर्षक श्रृंगार से आकर्षक दिखना और साफ-सुथरे, बेदाग कपड़े पहनना शुक्र ग्रह को मजबूत करता है. शुक्र के कमजोर होने का पहला संकेत आपके पहनावे और पहनावे में दिखाई देता है.
इलायची के बीज का उपाय
कुछ बड़ी इलायची के दाने लें और उन्हें पानी में उबालें. जब पानी आधा रह जाए, तो इसे नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करें. इससे शुक्र ग्रह मजबूत होगा और आपको धन, सुख, सौंदर्य और समृद्धि की प्राप्ति होगी.
खत्म होगी कलह
अगर आपके रिश्तों में कलह हो रही है, मनमुटाव बढ़ रहा है, या मतभेदों से जूझ रहे हैं, तो शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए हर शुक्रवार को बड़ी इलायची से यह अनुष्ठान करना चाहिए. इससे वैवाहिक जीवन भी बेहतर होता है
धन प्राप्ति का उपाय
अगर आपको पैसे बचाने में दिक्कत हो रही है, या आप बचत नहीं कर पा रहे हैं, तो हर शुक्रवार को अपने पर्स में पांच इलायची रखें और उन्हें अगले शुक्रवार तक संभाल कर रखें. अगले शुक्रवार को पांच नई इलायची अपनी जेब में रखें और पुरानी इलायची को चुपचाप किसी पीपल के पेड़ के नीचे दबा दें.
Disclaimer
प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है.