Shardiya Navratri 2025 Day 7: शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन करें मां कालरात्रि की पूजा, जानें माता रानी के प्रिय रंग और भोग
Navratri 2025 Day 7 Maa Kalratri: नवरात्रि उत्सव लगभग समाप्त हो गया है क्योंकि हम 28 सितंबर, 2025 को नवरात्रि का सातवां दिन मनाएंगे। इस शुभ दिन देवी कालरात्रि की पूजा की जाती है। वे देवी दुर्गा का उग्र स्वरूप हैं। यह स्वरूप एकदम काली घटा जैसा दिखता है, इसी कारण लोग उन्हें कालरात्रि कहकर भी बुलाते हैं। नवरात्रि का सातवां दिन आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है।
मां कालरात्रि की पूजा
देवी दुर्गा का सातवां स्वरूप, मां कालरात्रि, साहस, शक्ति और निर्भयता का प्रतीक हैं। श्याम वर्ण, बिखरे बालों और उग्र रूप मैं माता रानी बेहद प्यारी लगती हैं। माता रानी इस रूप में हाथों में तलवार और वज्र लेकर रखती हैं। वह भक्तों के रक्षा के लिए जानी जाती है।
शनि दोष भी होगा दूर
जिन लोगों की कुंडली में शनि दोष है, उन्हें इस दोष को दूर करने के लिए देवी कालरात्रि की पूजा करनी चाहिए। माता कालरात्रि उनके सभी दोष दूर कर देती हैं।
कौन-सा रंग शुभ?
इस दिन विशेष रंग को पहनना शुभ माना जाता है। 7वें दिन देवी की आराधना हेतु भक्त एक विशेष रंग धारण करते हैं। माना जाता है कि, नारंगी रंग का वस्त्र इस दिन पहनना शुभ माना जाता है।
इस रंग का महत्व
नारंगी रंग पहनने से माँ कालरात्रि की उग्र ऊर्जा का आह्वान होता है। यह रंग मन और आत्मा में साहस, सकारात्मकता और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। भक्त अक्सर अपने घरों और पूजा स्थल को नारंगी फूलों, वस्त्रों और दीयों से सजाते हैं।
इस चीज का लगाएं भोग
मां कालरात्रि को आप गुड़ से बने मालपुए का भोग लगा सकते हैं. मान्यता के अनुसार, इसे गुड़ के मालपुए का भोग लगाने से माता रानी प्रसन्न हो जाती है।
किस समय करें पूजा?
कालरात्रि रूप की पूजा करने के लिए सुबह और रात्रि दोनों समय शुभ माने जाते हैं। आप किसी भी समय पूरे ध्यान के साथ पूजा कर सकते हैं.
मां कालरात्रि की इस तरह करें पूजा
सुबह लाल कपड़ा बिछाकर चौकी पर मां कालरात्रि की तस्वीर स्थापित करें, वहां गंगाजल का छिड़काव करें, इसके बाद पूरे मन से माता रानी की आरती करें।
इस मंत्र का करें जाप
अगर आप इस दिन मंत्र का जाप करना चाहते हैं, तो इस मंत्र का जाप करें- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालरात्र्यै नम:' बीज मंत्र.