क्या है श्री मीनाक्षी अम्मन मंदिर का 2000 साल पुराना इतिहास? जानकर उड़ जाएंगे आपके होश
Meenakshi Amman Temple: तमिलनाडु के मदुरै में स्थित श्री मीनाक्षी अम्मन मंदिर 2,000 साल से भी ज्यादा पुराना मंदिरों में से एक है, जो देवी मीनाक्षी और भगवान सुन्दरेश्वर को समर्पित है. इसके साथ ही यह मंदिर द्रविड़ वास्तुकला का अनोखा नमूना है, जिसकी पहचान इसके 14 विशाल, रंगीन गोपुरम और 1 हजार खंभों वाले हॉल से होती है, जिसमें संगीतमय खंभे भी शामिल हैं. तो वहीं, यह मंदिर इतिहास, प्रेम और कला का अनोखा मंदिर है, जहां हर साल चिथिरई ब्रह्मोत्सव (दिव्य विवाह) जैसा भव्य उत्सव भी मनाया जाता है, जो भक्तों और पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र भी बन चुका है.
मंदिर का दिखता है रहस्यमयी रूप
तमिलनाडु के मदुरै में स्थित यह मंदिर 'अद्भुत, अकल्पनीय, अति सुंदर' माना जाता है, जहां माता पार्वती (मीनाक्षी) का रहस्यमयी रूप देखने को मिलता है. इस मंदिर में रोज़ाना लाखों की संख्या में भक्त दर्शन करने आते हैं.
क्या है मंदिर का प्राचीन इतिहास?
यह मंदिर 2 हजार साल से भी ज्यादा पुराना माना जाता है और इसे जीता-जागता इतिहास और प्रेम की अनोखी कहानी भी बताई जाती है.
किस देवी-देवता को समर्पित है मंदिर
यह मंदिर देवी मीनाक्षी यानी माता पार्वती और उनके पति भगवान सुन्दरेश्वर भगवान शिव को समर्पित है.
मंदिर की खासियत है भव्य गोपुरम
इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके 14 विशाल गोपुरम (टावर) हैं, जो लगभग 50 मीटर ऊंचे हैं और इन पर हजारों रंग-बिरंगी मूर्तियां देखने को मिलती हैं.
संगीत के खंभे (म्यूजिकल पिलर)
मंदिर में 1000 खंभों वाला एक हॉल भी है, जिसमें कुछ खंभे ऐसे हैं जिन्हें छूने पर संगीत की ध्वनि महसूस की जाती है.
पवित्र तालाब और मंदिर में है चित्र
मंदिर परिसर के बीच में एक बड़ा पवित्र तालाब भी शामिल है और दीवारों पर सुंदर चित्र बने हुए हैं.
भगवान शिव की देखने को मिलेंगी लीलाएं
ये चित्र भगवान शिव की 64 लीलाओं यानी दिव्य कहानियों का अनोखी तरह से वर्णन करते हैं. इस मंदिर में आपको भगवान शिव की लीलाएं देखने को मिलेंगी.
देवी मीनाक्षी के नाम पर है समर्पण
यह नाम उनकी मीन (मछली) के समान सुंदर आंखों की वजह से ही दिया गया है.
मंदिर में मनाया जाता है भव्य महोत्सव
इस मंदिर में हर साल अप्रैल-मई के महीने में चिथिरई ब्रह्मोत्सव में देवी मीनाक्षी और सुन्दरेश्वर का भव्य विवाह धूमधाम से आयोजित किया जाता है.
मंदिर संग्रहालय बना आकर्षण केंद्र
मंदिर में एक म्यूजियम भी है, जिसमें पुरानी मूर्तियां, सिक्के, चित्र और शक्ति के आठ रूपों की मूर्तियां स्थापित की गई हैं. मंदिर संग्रहालय लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता है.