मुगलों के हरम में कैसा था राजपूत औरतों का हाल, कहां से लाई जाती थीं हजारों लड़कियां?
Mughal Harem Dark Secrets: हरम में हजारों की संख्या में औरतें रहती थीं. जिनमें से कई ब्याह कर लाई जाती थीं तो कईयों को युद्ध में जीतकर लाया जाता था. हरम में सिर्फ मुगल नहीं, बल्कि कई धर्मों की औरतें रहती थीं. ऐसे में सवाल उठता है कि मुगलों के हरम में हिंदू और राजपूत औरतों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता था.
कैसा था राजपूत औरतों का हाल?
मुगलों के इतिहास का जब भी जिक्र किया जाता है, तो कई किस्सों और कहानियों का जिक्र देखने को मिलता है. जिसमें सबसे ज्यादा लोगों का ध्यान मुगलों का हरम खींचता है, क्योंकि इसके साथ कई राज़ और रहस्य जुड़े हैं. इन्हीं राज़ और रहस्यों में एक यह भी है कि आखिर हरम में हजारों लड़कियां कहां से आई थीं और वहां हिंदू-राजपूत महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार किया जाता था.
मुगलों ने राजपूतों से जोड़ा संबंध
मुगलों ने पहले अपने कुल का मान बनाकर रखने के लिए ज्यादातर ईरानी और तुर्कानी महिलाओं से शादी की थी. लेकिन, भारत में अपना राज्य बढ़ाने के लिए उन्होंने राजपूतों से भी संबंध जोड़ा.
हरम में राजपूत रानियां कैसे रहती थीं?
कई मुगल बादशाहों ने राजपूत महिलाओं और रानियों के साथ शादी की थी. अब यह सवाल उठता है कि शादी के बाद मुगलों के हरम में राजपूत महिलाओं का क्या हाल था.
राजपूत रानियां लाईं हिंदू परंपरा
मुगलों के हरम में जब राजपूत औरतें पहुंची तो अपने साथ हिंदू संस्कृति भी लाईं. जिसका असर अकबर के समय सबसे ज्यादा देखने को मिलता है. हरम की परंपराओं, खान-पान और त्योहारों पर भी असर आया.
मुगल किलों में मनाए जाते थे हिंदू त्योहार
इतिहासकार किशोरी शरण ने अपनी किताब The Mughal Harem में लिखा है कि राजपूतों से संबंध बनाने के बाद मुगलों के महलों में दीपावली, होली, दशहरा और रक्षाबंधन जैसे त्योहार मनाए जाने लगे थे.
कहां से आती थीं हरम में औरतें?
सतीश चंद्र की किताब मध्यकालीन भारत और आर.सी मजूमदार की हिस्ट्री ऑफ द मुगल एम्पायक के मुताबिक, हरम में राजपूत औरतें ज्यादातर वैवाहिक संबंध बनाने के बाद आई थीं.
रानियों के साथ आईं दासियां
शादी के बाद रानियों के साथ उनकी दासियां, सहेलियां और सहायक महिलाएं भी आती थीं और हरम का हिस्सा बन जाती थीं.
दास व्यापार का था प्रचलन
माना जाता है कि उस समय ईरान, मध्य एशिया, काबुल, कश्मीर, बंगाल और दक्कन से लड़कियों और औरतों के दास व्यापार के जरिए भी लाया जाता था.
युद्धों में कैद महिलाएं
दास व्यापार के अलावा कई बार मुगलों के हरम में युद्धों में कैद की गईं महिलाओं को भी लाया जाता था. इन महिलाओं को हरम और शाही सेवा के कार्यों में लगा दिया जाता था.