कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, नौकरी छोड़ने के बाद 48 घंटे में मिलेगा फुल एंड फाइनल सेटलमेंट, यहां 10 प्वाइंट में जानिए HR के नए नियम
New Labour Codes and New HR Rules: केंद्र सरकार ने हाल ही में नए श्रम कानूनों (New Labour Codes) में एक बड़ा और बेहद ही महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं. इस दौरान ‘फुल एंड फाइनल सेटलमेंट’ के नियमों में बदलाव देखने को मिल रहा है. अब कर्मचारी चाहे तो नौकरी छोड़ी हो या उसे कंपनी द्वारा निकाला गया हो, उसका पूरा बकाया भुगतान सिर्फ दो दिनों के अंदर ही अनिवार्य करना होगा.
इसके अलावा नए लेबर कोड के लागू होने के साथ ही कर्मचारियों के ‘फुल एंड फाइनल (FnF)’ सेटलमेंट के इंतजार की टेंशन अब पूरी से खत्म हो जाएगी. इस नए नियम के तहत कंपनियों के लिए अपनी HR प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने की जिम्मेदारी में और भी तेज़ी लानी होगी.
FnF का लंबा इंतजार हुआ खत्म
नौकरी छोड़ने के बाद महीनों तक FnF के लिए HR को बार-बार मेल करने की टेंशन अब पूरी तरह से खत्म हो जाएगी. इस नए नियम के ज़रिए कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी.
48 घंटे में भुगतान करना होगा अनिवार्य
नए लेबर कोड के तहत, कंपनियों को अब कर्मचारी के आखिरी काम वाले दिन के बाद सिर्फ दो वर्किंग डे के अदंर ही फुल एंड फाइनल भुगतान करना अनिवार्य हो जाएगी.
नए नियमों में क्या किए गए बदलाव
वेज कोड साल 2019 की धारा 17(2) में यह साफ किया गया है कि कर्मचारी की बकाया सैलरी, बची हुई छुट्टियों का पैसा और बाकी देय रकम 48 घंटे के अंदर ही देनी होगा.
FnF में क्या किया गया है शामिल?
इस भुगतान में आपकी अंतिम सैलरी, लीव एनकैशमेंट (बची छुट्टियों का पैसा), पेंडिंग बोनस और अन्य देय रकम को भी शामिल किया जाएगा.
पहले 30 दिनों तक की देरी में बदलाव
नए कानून से पहले, कंपनियों के पास FnF जारी करने के लिए 30 दिनों तक का समय होता था, और कई बार यह प्रक्रिया और पहले लंबी खिंच जाती थी.
असमानता हुई खत्म, अब हर स्थिति में लागू
यह नया श्रम कानून सभी कर्मचारियों पर समान रूप से पूरी तरह से लागू हो जाएगा. चाहे वह स्वेच्छा से इस्तीफा दे, निकाला जाए, डिसमिस हो या रिट्रेंचमेंट हो.
कर्मचारियों के लिए बड़ी सुरक्षा
तो वहीं, यह नियम सुनिश्चित करता है कि कंपनियां किसी भी कारण से कर्मचारियों का वेतन नहीं रोक सकती है, जिससे उनकी आर्थिक असुरक्षा में कमी देखने को मिल सकती है.
नौकरी बदलना हुआ बेहद ही आसान
FnF की चिंता खत्म होने से कर्मचारी ज्यादा आत्मविश्वास के साथ नौकरी बदलने का फैसला ले सकते हैं और नए रोल पर जल्दी ध्यान केंद्रित भी किया जा सकता है.
HR और पे-रोल में रहेगी पारदर्शिता
इस नियम से कंपनियों को अपनी HR और पे-रोल प्रक्रियाओं में पहले से और भी ज्यादा तेज़ी लानी होगी.
देरी पर करनी पड़ सकती है सख्त कार्रवाई
इस नए नियम का पालन नहां करने पर कंपनियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.