हाल ही में बहरीन में आयोजित एक निजी (Private) कबड्डी टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के कारण पाकिस्तानी कबड्डी खिलाड़ी ओबैदुल्ला राजपूत को भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पाकिस्तान कबड्डी फेडरेशन (PKF) ने जांच के आदेश दिए हैं. दरअसल, मंगलवार को बहरीन में ‘GCC कप’ नामक एक टूर्नामेंट का आयोजन हुआ था, जिसमें एक मैच ‘भारत’ और ‘पाकिस्तान’ नाम की टीमों के बीच खेला गया. मैच के बाद ओबैदुल्ला राजपूत की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसमें वे भारतीय झंडा थामे नजर आ रहे हैं.
खिलाड़ी की सफाई
खिलाड़ी ने कहा “मुझे गुमराह किया गया” विवाद बढ़ने पर ओबैदुल्ला राजपूत ने फेसबुक पर एक वीडियो जारी कर स्पष्टीकरण दिया. उन्होंने दावा किया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि टीमों के नाम ‘भारत’ और ‘पाकिस्तान’ रखे गए हैं. उन्होंने कहा, “जब मैं मैदान में उतरा, तो लोगों ने चिल्लाना शुरू किया कि राजपूत होने के बावजूद मैं भारत की टीम से खेल रहा हूँ. मैंने कमेंटेटर से इसे ‘भारत बनाम पाकिस्तान’ मैच न बताने का अनुरोध किया था।” राजपूत ने आगे कहा कि यह एक स्थानीय (Local) कप था जिसे वर्ल्ड कप जैसा रंग दे दिया गया. उन्होंने अपनी इस गलती के लिए फेडरेशन और कोच से माफी भी मांगी है.
फेडरेशन का सख्त रुख और NOC का उल्लंघन
दूसरी ओर, पाकिस्तान कबड्डी फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी राणा सरवर ने इस टूर्नामेंट को पूरी तरह अनधिकृत बताया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि बहरीन जाने वाली टीम पाकिस्तान की राष्ट्रीय टीम नहीं थी और खिलाड़ियों ने सरकार या फेडरेशन से कोई NOC (अनापत्ति प्रमाण पत्र) नहीं लिया था. सरवर ने कहा, “हमें तो यह भी नहीं पता कि ये खिलाड़ी कब विदेश गए और कब लौटे. इन निजी टूर्नामेंटों के आयोजक गैर-जिम्मेदार हैं और वे केवल पैसा कमाने के लिए खेल की साख को नुकसान पहुँचा रहे हैं.”
कड़े अनुशासनात्मक कदम की तैयारी
फेडरेशन अब इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है. राणा सरवर के अनुसार, नियमों का उल्लंघन करने वाले खिलाड़ियों पर प्रतिबंध (Ban) लगाया जा सकता है. इसके अलावा, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए फेडरेशन इमिग्रेशन अधिकारियों को खिलाड़ियों की सूची सौंपने की योजना बना रहा है, ताकि बिना आधिकारिक अनुमति के कोई भी खिलाड़ी विदेश में खेलने न जा सके. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इसी तरह के अनाधिकृत टूर्नामेंट न्यूजीलैंड जैसे देशों में भी आयोजित किए जा रहे हैं, जो खेल के भविष्य के लिए चिंताजनक हैं.

