INDW vs SAW ODI Final: आधी रात को हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) की टीम ने इतिहास रच दिया. नवी मुंबई के डॉ. डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए विश्व कप के फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया ने कमाल करते हुए विश्व कप का पहला खिताब अपने नाम किया. भारतीय महिला टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर इस वनडे विश्व कप के खिताब को अपने नाम किया.
भारतीय महिला टीम की कप्तान ने दीप्ति शर्मा की गेंद पर जब कप्तान हरमनप्रीत ने दक्षिण अफ्रीका का अंतिम कैच पकड़ा तो नीले रंग से खचाखच भरा स्टेडियम खूशी के मारे कूद पड़ा. पूरी टीम दौड़ते हुए मैदान की तरफ भागी. खिलाड़ियों की आंखें नम हो गई लेकिन ये आंसू जीत के थे. स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजने लगा. स्टेडियम में एक ऐसा शख्स बैठा था जो जीत के बाद रो रहा था. जिसे भारतीय टीम की धड़कन कहा जाता हैं. वो भी नीली जर्सी पहनता है. फर्क सिर्फ इतना है कि वो भारतीय पुरुष टीम के लिए खेलता है.
इस शख्स ने दो साल पहले एक ऐसी ही वनडे विश्व कप की ट्रॉफी को बेहद पास से देखा था. वो भी ट्रॉफी भारत के नाम करने का सपना लेकर मैदान पर उतरा था लेकिन वो दिन ना उस शख्स का था ना टीम का और नाहीं भारत का था. उस दिन भी वो रोया था. वो टूट गया था. वो आंसू दुख के थे. वो आंसू ट्रॉफी को न छू पाने के दर्द का था. लेकिन आज का ये आंसू सुख का अनुभव करा रहा था स्टेडियम में बैठा ये शख्स कोई और नहीं बल्कि भारतीय पुरुष टीम के पूर्व कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) थे.
भारतीय टीम के जीत पर
लेकिन रविवार को मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में उनकी यह इच्छा काफी हद तक पूरी हो गई जब महिला टीम ने फाइनल मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को हराकर विश्व चैंपियन बन गई.
सेमिफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराया
बता दें कि इससे पहले भारतीय टीम ने टूर्नामेंट में जीत की सबसे प्रबल दावेदार ऑस्ट्रेलिया को सेमिफाइनल में हरा कर फाइनल में एंट्री ली थी. भारतीय टीम ने सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराया था. भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के 338 रनों के पहाड़ जैसे लक्ष्य को लांघ कर फाइनल में एंट्री ली थी.
दिया था 299 का टारगेट
फाइनल मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लाउरा वुल्फार्ट ने टॉस जीत कर पहले गेंदबाजी करने का फैसाल किया था. पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम ने 50 ओवर में कुल 298 रन बनाएं. दक्षिण अफ्रीका की शुरूआत अच्छी थी उनकी कप्तान लाउरा वुल्फार्ट ने शानदार शतकीय पारी खेली. लेकिन टीम इंडिया को रोक न सकी और भारत ने 52 रनों से फाइनल मैच में जीत दर्ज की. दीप्ति शर्मा ने फाइनल मैच में पंजा खोलकर भी इतिहास रच दिया.

