Tulsi Vivah Puja Vidhi: तुलसी विवाह का आयोजन देवउठनी एकादशी के दूसरे दिन द्वादशी के दिन किया जाता है. वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल तुलसी विवाह 02 नवंबर के दिन किया जाएगा. तुलसी विवाह के शुभ अवसर पर घरों और मंदिरों में तुलसी जी और भगवान शालिग्राम का विवाह कराया जाता है. इस दिन कई भक्त व्रत रखते हैं और शाम को विवाह-समारोह का आयोजन होता है. जैसे वास्तविक विवाह होता है उसकी तरह तुलसी विवाह भी होता है. तो आइए आपको इस आर्टिकल में बताते हैं कि घर पर किस तरह आप तुलसी विवाह संपन्न कर सकते हैं.
तुलसी विवाह की सामग्री (Tulsi Vivah Samgri list)
- तुलसी का पौधा
- भगवान विष्णु की मूर्ति या शालीग्राम जी की फोटो
- नारियल
- कपूर, धूप
- चंदन
- लाल रंग का वस्त्र
- पूजा की चौकी
- कलश
- फल और सब्जी (मूली, शकरकंद., सिंघाड़ा, आंवला, बेर, मूली, सीताफल, अमरुद)
- सुहाग की सामग्री
- केले के पत्ते
- हल्दी की गांठ
घर पर कैसे करें तुलसी विवाह (Tulsi Vivah Puja At Home)
- तुलसी विवाह के दिन तुलसी के पौधे का विवाह भगवान विष्णु की मूर्ति या शालिग्राम के साथ करवाया जाता है.
- तुलसी विवाह शाम को कराना शुभ होता है.
- जिस घर में तुलसी विवाह का आयोजन होता है उस घर के सभी सदस्यों को नए कपड़े पहनने चाहिए.
- आप घर पर तुलसी विवाह कर रहे हैं तो इसके लिए तुलसी के पौधे को आंगन में एक पटरे पर रखें. इसके बाद विवाह का आयोजन करें
- तुलसी के गमले की मिट्टी में गन्ना गाढ़ें और उस पर लाल चुनरी की मदद से मंडप बनाएं
- गमले में शालिग्राम भगवान को रखें
- फिर तुलसी माता और भगवान शालिग्राम को हल्दी लगाएं
- गन्ने के मंडप पर भी हल्दी का लेप लगाएं
- इसके बाद उस पर फल और फूल अर्पित करें
- फेरे की रस्म करवाने के लिए भगवान शालिग्राम को हाथ में उठाकर तुलसी के पौधे की सात बार परिक्रमा करें. ध्यान रहे ये रस्म किसी पुरुष को ही निभानी है.
- इस दौरान भगवान विष्णु और तुलसी माता के ऊपर सिंदूरी रंग में रगे हुए चावल डाले जाते हैं.
- इसके बाद पूजा की थाली में कपूर जलाकर तुलसी माता और शालिग्राम भगवान की आरती उतारें.
- अंत में विवाह संपन्न होने के जयकारे लगाएं और भोग लगाकर प्रसाद सभी में बांट दें.
- विवाह कराने के बाद तुलसी के पौधे को किसी पंडित को दान कर दें.
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तुलसी विवाह मंत्र (Tulsi Vivah Mantra)
देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः, नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।

