7 Shiv Temples In Delhi NCR: इस सावन आप भी जाइए, दिल्ली- NCR के इन फेमस शिव मंदिरों में
सावन का महीना आते ही शिव भक्तों में एक अलग सा जोश आ जाता हैँ। दिल्ली एनसीआर में ऐसे बहुत से शिव मंदिर है, जो प्राचीन है जहां लाखों के श्रद्धालु शिवरात्रि के दौरान आते हैं इन मंदिरों में केवल धार्मिक महत्व का माहौल ही नहीं बल्कि काफी आध्यात्मिक शांति भी होती है। शिवरात्रि के दौरान यहां पर भजन- कीर्तन शिव पूजा सभी होता हैं। यह कुछ 7 मंदिर है जो दिल्ली एनसीआर में स्थित हैं।
गुफा वाला मंदिर
गुफा वाला शिव मंदिर आरके पुरम दिल्ली में हैं। अगर इसकी संरचना की बात करें तो यह एक नेचुरल गुफा के रूप में बना हुआ हैं। सावन और शिवरात्रि में यहां भक्त आरती और रुद्राभिषेक करते हैं।
प्राचीन शिव मंदिर
प्राचीन शिव मंदिर एक ऐतिहासिक मंदिर है जो कि पुराना किले में स्थित है ऐसा माना जाता है कि पांडवों के समय यह शिवलिंग विद्यमान थी। यहां भक्त लंबी लाइन लगकर जल-अर्पण करते हैं
गौरी शंकर मंदिर
गौरी शंकर मंदिर चांदनी चौक में है यह मंदिर 800 साल पुराना माना जाता है, यहां पर भगवान शिव के साथ-साथ माता पार्वती की भी सुंदर मूर्ति हैं। सावन में यहां विशेष रूप से भक्तों की भीड़ आती है मंदिर में रुद्राभिषेक विशेष आरती भजन कीर्तन सभी होता है
नीली छतरी मंदिर
नीली छतरी मंदिर निगमबोध घाट में स्थित है इसके बारे में ऐसा माना जाता है कि इसको खुद पांडवों ने स्थापित किया था। सावन में यहां जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने भक्त कभी दूर-दूर से आते नीली छतरी होने के कारण इसका नाम नीली छतरी मंदिर पड़ा हैं।
शिव शक्ति धाम मंदिर
शिव शक्ति धाम मंदिर की बात करें तो यह विकासपुरी में है यहां पर भगवान शिव और माता पार्वती दोनों की प्रतिमा स्थापित हैं। सावन के दौरान कीर्तन और विशेष पूजा की व्यवस्था भी की जाती हैं। यहां का वातावरण लोगों अपनी और आकर्षित करता हैं।
श्री गोरखनाथ मंदिर
यह मंदिर शिव जी और गुरु गोरखनाथ दोनों को ही समर्पित हैं। सावन के हर सोमवार को यहां पर भक्तों की काफी लंबी लाइन खड़ी होती हैं। विशेष रूप से रुद्राभिषेक और शिव पुराण कथा का आयोजन किया जाता हैं। गोरखनाथ मंदिर अपने आध्यात्मिकता के लिए जाना जाता हैं।
श्री कालेश्वर मंदिर
श्री कालेश्वर मंदिर फरीदाबाद में है यह भगवान शिव के कालेश्वर रूप को समर्पित हैं। सावन के महीने में यहां विशेष रूप से हवन जलाभिषेक होता हैं यहां पर भक्त काफी लंबी लाइनों में लगकर दर्शन करने आते हैं।
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