Religious Significance Of Sawan: सावन-आस्था और अध्यात्म से भरा एक महीना, जानिए इसकी खासियत
भगवान शिव के भक्तों के लिए सावन महिने का एक विशेष महत्व होता है,ऐसी मान्यता है कि इस दैरान शिव की उर्जा पृथ्वी के सबसे करीब होती है और पुजा अर्चन करने से शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है, समुंद्र मंथन जैसी कथाओं का भी जिक्र इस महिने को लेकर मिलता है आइए जानते हैं इसके कुछ महत्व..
समुंद्र मंथन
मान्यताओं के अनुसार असुरों व देवताओं में हुए समुंद्र मंथन के दैरान 14 रत्न निकलें थें उन रत्नों में एक विष भी था जिसके वजह से पुरी पृथ्वी के नष्ट होने का खतरा था तब भगवान शिव ने उस विष को ग्रहण करके सृष्टि को नष्ट होने से बचाया था विष के कारण महादेव का कंठ नीला पड़ गया था जिसके कारण उनका नाम नीलकंठ पड़ गया।
कावड़ यात्रा
सावन में हर साल शिव भक्तों द्वरा कावड़ यात्रा की जाती है जिसमें शिव भक्त हरिद्वार, गंगोत्री जैसे तीर्थ स्थलों की यात्रा गंगा जल से भरे कावंड़ के साथ करतें हैं।
सोमवार का व्रत
सावन के महीने में सोमवार के व्रत का सर्वाधिक महत्व है, क्योंकि सावन महीना भगवान शंकर को अत्यधिक प्रिय है, इसलिए लोग इस माह में सोमवार का व्रत और गंगा स्नान करते हैं तथा बेलपत्र से भगवान से शिव कि पूजा करते हैं।
भोजन
सावन के महीने में व्रत रखने और सात्विक भोजन करने की भी एक विशेष परंपरा है, इस महीने में सामाजिक एकता और सांस्कृतिक विरासत भी देखने को मिलती है लोग शिव मंदिरों में एकत्रित होते हैं और भजन किर्तन करते हैं।
नाग पंचमी
सावन के महीने में हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक नाग पंचमी और तीज त्योहार भी आते हैं जो हिंदू धर्म की परंपरा और विरासत को दर्शाते हैं।
दान
इस महीने में गंगा स्नान और दान का एक धार्मिक महत्व है ऐसा माना जाता है कि गंगा स्नान और दान पुण्य करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
महिलाओं के लिए विशेष
यह महीना महिलाओं के लिए भी विशेष माना जाता है क्योंकि इस महीने में विवाहित औरतें अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए भगवान शिव से कामना करती हैं।
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