India’s No-Flying Zones: भारत की इन 5 जगहों से नहीं उड़ सकता कोई भी विमान
India’s No-Flying Zones: भारत में हवाई यात्रा तेजी से बढ़ रही है, लेकिन हर जगह हवाई उड़ान की अनुमति नहीं है. संवेदनशील सरकारी भवन, धार्मिक स्थल और वैज्ञानिक केंद्र नो-फ्लाई जोन घोषित हैं, ताकि सुरक्षा और संरचना की रक्षा सुनिश्चित हो सके.
राष्ट्रपतिभवन, नई दिल्ली
राष्ट्रपतिभवन भारत के सबसे संवेदनशील स्थानों में से एक है. इसे देश के राष्ट्रपति का आवास होने के कारण ज्यादा सुरक्षा मिली हुई है. यहां का हवाई क्षेत्र स्थायी नो-फ्लाई जोन घोषित किया गया है. इसका मतलब है कि कोई भी विमान, हेलीकॉप्टर या ड्रोन इस क्षेत्र में उड़ान नहीं भर सकता.
तिरुमला वेंकटेश्वर मंदिर
भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक, तिरुमला वेंकटेश्वर मंदिर प्रतिदिन लाखों भक्तों को आकर्षित करता है. इस क्षेत्र को नो-फ्लाई जोन घोषित किया गया है ताकि मंदिर और उसके आसपास के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. यहां किसी भी प्रकार के हवाई वाहन की उड़ान निषिद्ध है.
संसद भवन क्षेत्र, नई दिल्ली
संसद भवन क्षेत्र केंद्रीय दिल्ली में स्थित है और इसमें संसद, प्रधानमंत्री का आवास, मंत्रालय और कई जरूरी सरकारी विभाग शामिल हैं. इस क्षेत्र की राष्ट्रीय महत्वता को देखते हुए, यहां उड़ान पर पूर्ण प्रतिबंध है. सुरक्षा व्यवस्था अत्यंत सख्त है और कोई भी हवाई वाहन इस क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकता.
ताज महल, उत्तर प्रदेश
विश्व धरोहर स्थल और भारत के प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में से एक, ताज महल को नो-फ्लाई जोन के रूप में संरक्षित किया गया है. इसका उद्देश्य ध्वनि, कंपन, वायु प्रदूषण और किसी भी संभावित दुर्घटना से संरचना और आगंतुकों की सुरक्षा करना है.
भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC)
भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर देश का मेन परमाणु अनुसंधान केंद्र है. यहां राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित संवेदनशील कार्य किए जाते हैं. इस कारण, BARC के ऊपर कोई भी विमान, हेलीकॉप्टर या ड्रोन उड़ान नहीं भर सकता.
रक्षा और सैन्य प्रतिष्ठान
भारत के कई सैन्य अड्डे और रक्षा संस्थान, जैसे हवाई सेना के मुख्यालय और सीमावर्ती क्षेत्रों में मौजूद सैन्य ठिकाने, नो-फ्लाई जोन के अंतर्गत आते हैं. इन क्षेत्रों के ऊपर उड़ानें राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बैन हैं, ताकि संवेदनशील रक्षा गतिविधियों में किसी प्रकार की खामी न आए.
महत्वपूर्ण वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र
BARC के अलावा अन्य वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र, जैसे इसरो के लॉन्च कॉम्प्लेक्स और परमाणु अनुसंधान प्रतिष्ठान भी नो-फ्लाई जोन में आते हैं. इन जगहों पर उड़ान प्रतिबंध का उद्देश्य जरूरी तकनीकी और वैज्ञानिक जानकारी की सेफटी सुनिश्चित करना है.
प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल
सिर्फ तिरुमला मंदिर ही नहीं, बल्कि भारत के कई अन्य प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल, जैसे वाराणसी, अमृतसर के स्वर्ण मंदिर, आदि, नो-फ्लाई जोन के तहत आते हैं. ये कदम न केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए है बल्कि इन स्थानों की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को भी संरक्षित करता है.