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Guru Tegh Bahadur Shaheedi Diwas: गुरु तेग बहादुर जी की शहीदी पर जानें गुरुद्वारा शीश गंज साहिब के इतिहास के बारे में

Guru Tegh Bahadur Shaheedi Diwas: गुरु तेग बहादुर सिख धर्म के नौंवे गुरु थे. जबरन धर्म परिवर्तन के विरोध करने पर मुगल शासक औरंगजेब ने उनका गला कटवा दिया था. औरंगजैब कश्मीरी पंडितों का जबरन धर्म परिवर्तन कर रहा था जिस पर गुरु साहब ने कहा कि शीश कटवा सकते हैं लेकिन केश नहीं. 


By: Shivi Bajpai | Published: November 23, 2025 11:09:09 AM IST

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गुरु तेग बहादुर

गुरु तेग बहादुर सिख धर्म के नौंवे गुरु थे. कल यानी की 24 नवंबर को इनका शहीदी दिवस मनाया जाएगा.

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गुरद्वारा शीश गंज साहिब

गुरद्वारा शीश गंज साहिब दिल्ली में मौजूद नौ ऐतिहासिक गुरुद्वारों में से एक है. गुरुद्वारा शीश गंज साहिब पुरानी दिल्ली के चादंनी चौक में है.

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सिख गुरु

1783 में बघेल सिंह ने नौवें सिख गुरु, गुरु तेग बहादुर की शहादत के उपलक्ष्य में इसका निर्माण किया था

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औरंगजेब

औरंगजेब ने जबरदस्त आतंक फैलाया था. उसके आदेश पर सभी कश्मीरी पंडितों को जबरदस्ती धर्म परिवर्तन यानी की इस्लाम धर्म में परिवर्तित करवाने का हुकुम था.

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सिख गुरु के बारे में

उस समय सिखों के नौंवे गुरु 'गुरु तेग बहादुर जी' अपने परिवार के साथ अनंदपुर साहिब (अब जिसे पंजाब कहते हैं) में रहते थे.

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शहीदी का समय

सभी कश्मीरी पंडित गुरु जी के दरबार में पहुंचे और उनसे हिन्दुओं को इस परेशानी से बाहर निकलने के लिए विनती करने लगे.

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गुरु तेग बहादुर जी

तब गुरु जी के पुत्र, गोबिंद राय (गुरु गोबिंद सिंह जी) जो कि उस समय मात्र 10 वर्ष की आयु के थे, उन्होंने अपने पिता से कहा, 'इस समय परिस्थिति किसी महान शख्स की शहादत मांग रही है और आपके अलावा यहां कोई नहीं है जो यह बलिदान दे सके'.

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शहीदी दिवस

पुत्र की समझदारी भरी बात सुन गुरु जी अत्यंत प्रसन्न हुए और अपने साथ 5 संगियों को लेकर दिल्ली के लिए रवाना हुए.

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गुरु तेग बहादुर की शहादत

दिल्ली आने पर जब गुरु जी ने मुगल सम्राट औरंगजेब के आदेश पर इस्लाम स्वीकार करने से और अपना धर्म बदलने के लिए मना कर दिया तो 11 नवंबर 1675 को उन्हें मौत की सजा दी गई.

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शहादत

उनको ये शहादत गुरुद्वारा शीश गंज साहिब की जगह पर सुनाई गयी थी. एक जल्लाद जलाल-उद-दीन जल्लाद ने उनको निष्पादन किया. उनको जहां पर निष्पादन किया गया वहां एक बरगद का पेड़ था.