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Shankaracharya Nischalananda Saraswati : जहां एक तरफ देश के कुछ राज्यों में हिंदी भाषा को लेकर जमकर बवाल मचा हुआ है, तो वहीं शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने भारत के हिंदू राष्ट्र बनने को लेकर बड़ा बयान दिया है। असल में महाकुंभ के दौरान शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा था कि हिंदू राष्ट्र का संकल्प जरूर साकार होगा, जोकि बाद में काफी चर्चा में भी रहा। अब जब उनसे सवाल किया गया कि, भारत कब तक हिंदू राष्ट्र बनेगा? तो इसके जवाब में उन्होंने का कि अभी क्रम चल रहा है और उसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
हम उसी क्रम में आगे बढ़ रहे हैं…
शंकराचार्य निश्चलानंद ने हिंदू राष्ट्र के सवाल पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जिक्र किया। शुभंकर मिश्रा के पॉडकास्ट में डेडलाइन से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “हम उसी क्रम में आगे बढ़ रहे हैं। क्या मोदी जी हिंदू राष्ट्र का खंडन करते हैं? दुनिया के 54-55 देशों में हिंदू रहते हैं, उनके सभी पूर्वज सनातनी थे। ईसा मसीह के पूर्वज कौन थे? गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि उनके पूर्वज कश्मीरी पंडित थे।”
जॉर्ज बुश का भी किया जिक्र
शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने अपने बयान के दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हिंदुओं के विज्ञान, ज्ञान और कला से कोई आगे नहीं निकल सकता। बुश महोदय (जॉर्ज बुश) ने कहा था कि मैं ईसाई हूं और बाइबिल को मानता हूं, लेकिन बाइबिल में सृष्टि के बारे में जो जानकारी है, उसे आधुनिक विज्ञान तुच्छ समझता है। मंदिरों में वीआईपी दर्शन को लेकर शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा, यह मंदिर का नहीं, बल्कि मंदिर का प्रबंधन करने वालों का दोष है।
इससे पहले भी शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती हिंदू राष्ट्र को लेकर कई बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा था कि भारत सनातनियों का देश है और सनातन ने वैज्ञानिकों का मार्गदर्शन किया है। शंकराचार्य का कहना है कि हिंदू धर्म के शास्त्रों में लिखी बातों का खंडन नहीं किया जा सकता।