Side Effects of Headphones: आज के समय में मोबाइल फोन की तरह ईयरफोन भी हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं. सुबह उठते ही कई लोग म्यूज़िक सुनने, कॉल अटेंड करने या ऑनलाइन मीटिंग के लिए ईयरफोन लगा लेते हैं. घर हो या ऑफिस, जिम हो या सफ़र, हर जगह लोग कानों में ईयरफोन लगाए नज़र आते हैं. टेक्नोलॉजी ने हमारी ज़िंदगी आसान बना दी है, लेकिन इसकी ज़रूरत से ज़्यादा आदत सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकती है. जहां मोबाइल फोन के ज़्यादा इस्तेमाल से होने वाले नुकसानों पर चर्चा होती है, वहीं ईयरफोन से होने वाले नुकसान अक्सर नज़रअंदाज़ कर दिए जाते हैं.
जानिए इसके नुक्सान
ईयरफोन से कान में इन्फेक्शन का खतरा
ईयरफोन या ईयरबड्स सीधे कान के अंदर लगाए जाते हैं, जिससे कान की नली में हवा का प्रवाह कम हो जाता है. इस वजह से कान के अंदर नमी बनी रहती है, जो बैक्टीरिया और फंगस के पनपने के लिए सही माहौल बनाती है. लंबे समय तक ईयरफोन इस्तेमाल करने से कान में खुजली, जलन और इन्फेक्शन हो सकता है. इसके अलावा, दूसरों के साथ ईयरफोन शेयर करना भी खतरनाक हो सकता है क्योंकि इससे एक व्यक्ति के कान के बैक्टीरिया दूसरे व्यक्ति तक पहुंच सकते हैं. गंदे या बिना साफ किए ईयरफोन बार-बार इस्तेमाल करने से कान की समस्याएं बढ़ सकती हैं.
कान में दर्द और असहजता
रोज़ाना और लंबे समय तक ईयरफोन लगाने से कान में दर्द होना एक आम समस्या बन गई है. अगर ईयरफोन सही साइज का न हो या कान में ठीक से फिट न बैठे, तो यह बाहरी कान और कान के पर्दे पर दबाव डाल सकता है. इससे हल्का दर्द धीरे-धीरे तेज़ दर्द में बदल सकता है. कई बार लोग घंटों तक बिना ब्रेक लिए ईयरफोन लगाए रहते हैं, जिससे कान की नसों पर असर पड़ता है. लगातार ऐसा करने से कानों में सूजन और असहजता महसूस हो सकती है.
चक्कर आना और सिर भारी लगना
ज़्यादा तेज़ आवाज़ में लंबे समय तक ईयरफोन इस्तेमाल करने से चक्कर आने की समस्या हो सकती है, जिसे वर्टिगो कहा जाता है. तेज़ आवाज़ से कान के अंदर दबाव बढ़ जाता है, जिससे संतुलन बनाने वाली प्रणाली प्रभावित होती है. इसके कारण अचानक चक्कर आना, सिर घूमना या उलझन महसूस हो सकती है. यह समस्या कभी भी और कहीं भी हो सकती है, जो रोज़मर्रा के कामों में परेशानी पैदा कर सकती है.
सुनने की क्षमता पर बुरा असर
ईयरफोन का सबसे गंभीर नुकसान सुनने की क्षमता में कमी है. हमारे अंदरूनी कान में बहुत ही नाज़ुक कोशिकाएं होती हैं, जो आवाज़ को दिमाग तक पहुंचाने का काम करती हैं. जब हम लंबे समय तक तेज़ आवाज़ सुनते हैं, तो ये कोशिकाएं धीरे-धीरे खराब होने लगती हैं. एक बार अगर ये कोशिकाएं नष्ट हो जाएं, तो उन्हें दोबारा ठीक करना मुश्किल होता है. इससे धीरे-धीरे सुनने की शक्ति कम हो सकती है और भविष्य में गंभीर सुनने की समस्या हो सकती है.
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फोकस और मानसिक सेहत पर असर
लगातार ईयरफोन लगाए रहने से दिमाग पर भी बुरा असर पड़ता है. कानों के ज़रिए दिमाग तक लगातार आवाज़ पहुंचने से नर्वस सिस्टम थक जाता है. इसका असर हमारी एकाग्रता और फोकस पर पड़ता है. लंबे समय तक ईयरबड्स इस्तेमाल करने वाले लोगों को ध्यान लगाने में परेशानी, चिड़चिड़ापन और मानसिक थकान महसूस हो सकती है. इसलिए ज़रूरी है कि ईयरफोन का इस्तेमाल सीमित समय के लिए किया जाए और बीच-बीच में कानों को आराम दिया जाए, ताकि सेहत बनी रहे.
अपने कानों को रखें ऐसे सुरक्षित
- अगर आप सारा दिन हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं तो, लंबे समय तक हेडफ़ोन और ईयरफ़ोन का इस्तेमाल करने से बचें.
- ज़्यादा तेज आवाज में हेडफोन का इस्तेमाल करना आपको नुक्सान दे सकता है. हेडफ़ोन और ईयरफ़ोन दोनों में वॉल्यूम को मीडियम लेवल पर रखें.
- इस बात का ख़ास ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि, अपने हेडफ़ोन या ईयरफ़ोन किसी के साथ शेयर न करें.
- ईयरफ़ोन को अपने कानों के अंदर ज़्यादा एडजस्ट करने की कोशिश न करें.
- किसी अच्छी कंपनी के हेडफ़ोन और ईयरफ़ोन इस्तेमाल करने की कोशिश करें.
- हेडफ़ोन और ईयरफ़ोन का इस्तेमाल करते समय रेगुलर ब्रेक लें और दिन में 60 मिनट से ज़्यादा इनका इस्तेमाल करने से बचें.

