Logical Fact About Sindoor: आखिर क्यों लगती है शादीशुदा औरतें सिंदूर, आप भी से सुनके हो जाएंगे हैरान
भारतीय संस्कृति में सिंदूर विवाहित महिलाएं लगती है यह सिंदूर सुहागन होने का प्रतीक होता है। सिंदूर बस शादीशुदा महिला ही लगा सकती है सिंदूर हिंदू धर्म बौद्ध धर्म और जैन धर्म में लगाया जाता है। सिंदूर को महिलाएं अपनी मांग में भर्ती है सिंदूर की मान्यता यह भी है कि शादी के बाद पत्नी अपने पति के लिए और अपने सौंदर्य को और बढ़ाने के लिए सिंदूर लगाते हैं।
सिंदूर का धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में सिंदूर को काफी ज्यादा मान्यता दी जाती है, इसे महिला शादी के बाद लगती है सिंदूर हमेशा महिला अपनी मांग में अपने पति के नाम का लगती है ऐसी मान्यता है कि मांग में सिंदूर भरने से उनके शादीशुदा जिंदगी अच्छी जाती है।
सिंदूर का अलग उपयोग
सिंदूर को बस मांग में ही नहीं कुमकुम की तरह माथे पर भी लगाया जाता है, साथ ही इस सिंदूर से हम भगवान की पूजा भी करते हैं सिंदूर शादीशुदा महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, हिंदू धर्म में सिंदूर के बिना शादी अधूरी होती है।
सिंदूर की सामग्री
सिंदूर को ज्यादातर लाल चंदन पाउडर या फिर केसर से बनाया जाता है लेकिन कई बार दुकानदार नकली सिंदूर लोगों को भेज देते हैं असली सिंदूर हमेशा गहरा लाल रंग का होता है ।
असली सिंदूर का पता कैसे लगाए
ज्यादातर दुकानदार नकली सिंदूर को असली सिंदूर बनाकर भेजते हैं लेकिन असली सिंदूर का रंग गहरा लाल होता है और वह सिंदूरी होता है।
स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
पहले के जमाने में कहा जाता था कि सिंदूर लगाने से सर का दर्द और साथ ही साथ याददाश्त की कमी जैसी समस्याएं नहीं होती है और साथ ही इससे हमेशा पॉजिटिव एनर्जी मिलती है।
ऊर्जा का प्रतीक
सिंदूर एक ऐसा तत्व है जिसे लगाने से मन में शांति बनी रहती है और साथ ही सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, इसलिए हमेशा महिलाएं अपने घर के शांति के लिए और अपने अच्छे जीवन के लिए अपनी मांग में सिंदूर भरती है।
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है.