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जेन जी में बढ़ती एंग्जाइटी, जानें वैज्ञानिक कारण और समाधान

बदलते लाइफस्टाइल, सोशल मीडिया का लगातार होना, और पढ़ाई-लिखाई और नौकरी का दबाव आज के युवाओं पर पहले से कहीं ज़्यादा असर डाल रहा है. भारत समेत कई देशों में Gen Z खासकर 25 साल से कम उम्र के लोगों में एंग्जायटी और स्ट्रेस का लेवल हाल के सालों में तेज़ी से बढ़ा है.


By: Anshika thakur | Published: December 1, 2025 2:26:42 PM IST

Youth mental health - Photo Gallery
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जेन जी में बढ़ती एंग्जाइटी

2023 में 1,628 युवाओं पर हुई एक स्टडी में पाया गया कि 70% को एंग्जायटी थी, 60% को डिप्रेशन था, और 70% से ज़्यादा को बहुत ज़्यादा डिस्ट्रेस था.

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ज्यादा मुकाबला और करियर को लेकर चिंता

पढ़ाई और नौकरी में लगातार कॉम्पिटिशन और भविष्य को लेकर अनिश्चितता के कारण तनाव

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सोशल मीडिया का दबाव

दूसरों की कामयाबी देखकर खुद को कम समझने की आदत बढ़ रही है.

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पढ़ाई और काम का बोझ

ज़्यादा काम और पढ़ाई का लगातार दबाव मानसिक थकान और चिंता को बढ़ाता है.

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परिवार और समाज की अपेक्षाएं

माता-पिता और समाज की उम्मीदें युवा पर मानसिक दबाव डालती हैं.

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आर्थिक दबाव

पैसे और खर्च की चिंता युवाओं में तनाव और चिंता पैदा करती है.

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सपोर्ट की कमी

परिवार और दोस्तों के साथ खुलकर बातचीत न होने से चिंता और बढ़ जाती है.

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अनियमित रोजमर्रा और नींद की कमी

पूरी नींद न लेना, रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी न करना और सोशल मीडिया का ज़्यादा इस्तेमाल मेंटल हेल्थ पर बुरा असर डालता है.

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समाधान

काउंसलिंग, व्यायाम, सही नींद, सोशल मीडिया सीमित और खुला संवाद युवाओं की एंग्जाइटी कम कर सकता है