जेन जी में बढ़ती एंग्जाइटी, जानें वैज्ञानिक कारण और समाधान
बदलते लाइफस्टाइल, सोशल मीडिया का लगातार होना, और पढ़ाई-लिखाई और नौकरी का दबाव आज के युवाओं पर पहले से कहीं ज़्यादा असर डाल रहा है. भारत समेत कई देशों में Gen Z खासकर 25 साल से कम उम्र के लोगों में एंग्जायटी और स्ट्रेस का लेवल हाल के सालों में तेज़ी से बढ़ा है.
जेन जी में बढ़ती एंग्जाइटी
2023 में 1,628 युवाओं पर हुई एक स्टडी में पाया गया कि 70% को एंग्जायटी थी, 60% को डिप्रेशन था, और 70% से ज़्यादा को बहुत ज़्यादा डिस्ट्रेस था.
ज्यादा मुकाबला और करियर को लेकर चिंता
पढ़ाई और नौकरी में लगातार कॉम्पिटिशन और भविष्य को लेकर अनिश्चितता के कारण तनाव
सोशल मीडिया का दबाव
दूसरों की कामयाबी देखकर खुद को कम समझने की आदत बढ़ रही है.
पढ़ाई और काम का बोझ
ज़्यादा काम और पढ़ाई का लगातार दबाव मानसिक थकान और चिंता को बढ़ाता है.
परिवार और समाज की अपेक्षाएं
माता-पिता और समाज की उम्मीदें युवा पर मानसिक दबाव डालती हैं.
आर्थिक दबाव
पैसे और खर्च की चिंता युवाओं में तनाव और चिंता पैदा करती है.
सपोर्ट की कमी
परिवार और दोस्तों के साथ खुलकर बातचीत न होने से चिंता और बढ़ जाती है.
अनियमित रोजमर्रा और नींद की कमी
पूरी नींद न लेना, रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी न करना और सोशल मीडिया का ज़्यादा इस्तेमाल मेंटल हेल्थ पर बुरा असर डालता है.
समाधान
काउंसलिंग, व्यायाम, सही नींद, सोशल मीडिया सीमित और खुला संवाद युवाओं की एंग्जाइटी कम कर सकता है