सू-सू और पॉटी तक बैग में रखकर ले जाते हैं ये नेता, जानिए क्यों किसी देश में अपना मल-मूत्र तक नहीं छोड़ते?
Putin Waste Collection: अक्सर हर देश के नेता अलग अलग देशों में जाकर दौरा करते हैं. उनके दौरे के पीछे का मकसद अपने देशों से अन्य देशों काका रिश्ता अच्छा करना होता है. वहीं किसी भी अंतरराष्ट्रीय दौरे पर जाने वाला देश का शीर्ष नेता जहां कदम रखता है, वहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं. लेकिन दुनिया के कुछ ऐसे ताकतवर नेता भी हैं, जो अपने साथ सिर्फ सुरक्षा दस्ते ही नहीं, बल्कि अपने शरीर का हर एक हिस्सा अपने साथ लेकर चलते हैं. आज हम आपको कुछ ऐसे नेताओं के बारे में बताने जा रहे हैं जो किसी भी सूरत में अपना मल या मूत्र उस देश में नहीं छोड़ते, जहां वे जाते हैं.
ये नेता नहीं छोड़ते अपना सूसू-पोटी
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग. ये वो नेता हैं जो एक देश से दूसरे देश तो जाते हैं लेकिन अपना मल-मूत्र तक यहां नहीं छोड़ते हैं. टेक्नोलॉजी और जासूसी के इस ज़माने में, पहली नज़र में उनका व्यवहार अजीब लगता है, लेकिन इसके पीछे के कारण भी उतने ही गंभीर हैं.
विदेश यात्रा के दौरान करते हैं ऐसा
आमतौर पर लोग विदेश यात्रा के दौरान शहर, लोगों, संस्कृति और भोजन को देखते हैं, लेकिन ये दोनों नेता अपने शरीर के सबसे निजी अंगों - मल और मूत्र के बारे में सबसे अधिक सावधान हैं.
सिक्योरिटी गार्ड करते हैं इंतजाम
अगर पुतिन को विदेश में कहीं भी टॉयलेट इस्तेमाल करने की ज़रूरत पड़ती है, तो उनके सिक्योरिटी वाले पहले उनकी ज़रूरत के हिसाब से पूरा इंतज़ाम कर देते हैं.
क्या करती है पुतिन और किम जोंग की टीम
हैरान कर देने वाली बात ये है कि पुतिन को जहां भी जाना हो, अपना मल-मूत्र छोड़ने की मनाही है. एक टीम इन चीज़ों को एक खास ब्रीफ़केस में इकट्ठा करती है और रूस वापस ले जाती है. यह काम इतनी सावधानी से किया जाता है कि आस-पास खड़े लोगों को भी पता नहीं चलता कि क्या हो रहा है.
क्या है वजह
इस अनोखी तकनीक के पीछे मुख्य कारण पुतिन और किम जोंग की सेहत की कोई भी जानकारी बाहर न आने देना है.
किम जोंग
नॉर्थ कोरिया के किम जोंग उन की कहानी भी कुछ अलग नहीं है. कई इंटरनेशनल रिपोर्ट्स का दावा है कि वह किसी भी विदेश यात्रा पर अपना मल नहीं छोड़ते हैं.