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कौन है भारत का ‘वाइन कैपिटल’? जानें वो वजहें जो खींच लाती हैं हज़ारों वाइन प्रेमी?

India Wine Capital Nashik: भारत में वाइन संस्कृति धीरे-धीरे लेकिन मजबूती से अपनी जगह बना रही है, और इस यात्रा का केंद्र बन चुका है—महाराष्ट्र का नासिक, जिसे आज पूरे देश में वाइन कैपिटल के नाम से जाना जाता है. रात ढलते ही शहर की हवा में फैलने वाली अंगूरों की हल्की मिठास, यहां की धरती और मौसम की कहानी कहती है, जिसने इस स्थान को भारत की वाइन इंडस्ट्री का प्रमुख केंद्र बना दिया है. 


By: Shubahm Srivastava | Published: November 30, 2025 10:01:40 PM IST

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वाइन संस्कृति का स्वाद

देश के कोने-कोने से लोग सिर्फ प्राकृतिक दृश्यों या धार्मिक महत्व के कारण ही नहीं, बल्कि यहां की विशिष्ट वाइन संस्कृति का स्वाद लेने भी पहुंचते हैं.

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नासिक का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व

मुंबई से लगभग 100 मील दूर स्थित नासिक का अपना ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व भी है. समुद्र मंथन और रामायण से जुड़ी कथाएं इस शहर की पहचान का हिस्सा हैं. लेकिन आधुनिक दौर में नासिक ने एक अलग ही पहचान बनाई—वाइन उत्पादन का केंद्र बनकर.

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52 से अधिक वाइनरी मौजूद

आज यहां 52 से अधिक वाइनरी मौजूद हैं, जो भारतीय वाइन को वैश्विक मंच पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.

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नासिक को कैसे मिली ये प्रसिद्धि?

नासिक को यह दर्जा अचानक नहीं मिला. बीते डेढ़ दशक में इसकी प्रसिद्धि तेजी से बढ़ी है, और इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है यहां की अनोखी जलवायु. नासिक का गर्म और शुष्क मौसम अंगूरों की खेती के लिए आदर्श माना जाता है.

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यहां के अंगूरों में मिलती है गुणवत्ता

दिन में तेज धूप और रात में अपेक्षाकृत ठंडक, मिट्टी की जलधारण क्षमता और नियंत्रित आर्द्रता—ये सारी परिस्थितियाँ बिल्कुल वैसा माहौल बनाती हैं जैसा यूरोप की प्रसिद्ध वाइन बेल्ट में मिलता है. यही कारण है कि यहां उगाए गए अंगूरों में वह गुणवत्ता मिलती है, जो उत्कृष्ट वाइन उत्पादन के लिए आवश्यक होती है.

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किसानों की बढ़ती रुचि, आधुनिक तकनीक

इसके अलावा, वाइन उद्योग के प्रति स्थानीय किसानों की बढ़ती रुचि, आधुनिक तकनीक का अपनाया जाना और वैश्विक स्तर के वाइन मेकर्स का यहां आना भी नासिक को इस क्षेत्र में आगे ले गया है.

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नासिक को मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान

सरकारी प्रोत्साहन, वाइन पर्यटन का बढ़ता चलन और वाइनरी टूर जैसे अनुभवों ने नासिक को एक अंतरराष्ट्रीय पहचान दी है. आज लोग यहां सिर्फ वाइन चखने नहीं, बल्कि अंगूर के बागों के बीच होने वाले विशेष कार्यक्रम, टेस्टिंग सेशन और सीखने के अनुभव का भी आनंद लेने आते हैं.

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भारत में उभरते वाइन कल्चर का प्रतीक

कुल मिलाकर, नासिक सिर्फ वाइन बनाने का शहर नहीं रहा—यह अब भारत में उभरते वाइन कल्चर का प्रतीक बन चुका है, जहाँ परंपरा और आधुनिकता मिलकर एक नई स्वाद-यात्रा रचते हैं.