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एनपीएस सुधार, निकासी सीमा में वृद्धि और निवेश की आयु सीमा 85 साल तक बढ़ी

पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने गैर-सरकारी (Private and Corporate) क्षेत्र के ग्राहकों के लिए एनपीएस से बाहर निकलने (Exit) के नियमों को लेकर बनाया गया है.

By: DARSHNA DEEP | Last Updated: December 21, 2025 2:58:58 PM IST



Lump Sump Withdrawal: पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने गैर-सरकारी (Private and Corporate) क्षेत्र के ग्राहकों के लिए एनपीएस से बाहर निकलने (Exit) के नियमों को देखकर ही पूरी तरह से उदार बनाया है. सबसे महत्वपूर्ण बदलाव एकमुश्त निकासी (Lump Sum Withdrawal) की सीमा में किया गया है. 

निवेशक फंड का कितना हिस्सा निकाल सकते हैं?

जानकारी के मुताबिक, पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने गैर-सरकारी (Private and Corporate) क्षेत्र के ग्राहकों के लिए एनपीएस से बाहर निकलने (Exit) के नियमों को उदार बनाया है. सबसे महत्वपूर्ण बदलाव एकमुश्त निकासी (Lump Sum Withdrawal) की सीमा में किया गया है. अब निवेशक अपने कुल संचित फंड का 80% हिस्सा एक साथ निकाल सकते हैं, क्योंकि उन्होंने 60 साल की आयु पूरी कर ली हो या फिर 15 सालों तक इस योजना के सदस्य रहे हों.

एन्युटी की न्यूनतम सीमा घटाकर की गई 20 प्रतिशत

तो वहीं, दूसरी तरफ इससे पहले, ग्राहकों को अनिवार्य रूप से 40 प्रतिशत हिस्सा एन्युटी (Annuity) में डालना अनिवार्य माना जाता था, जिसमें वे सिर्फ 60 प्रतिशत ही निकालने की सुविधा दी जाती थी. अब एन्युटी के लिए न्यूनतम सीमा घटाकर 20 प्रतिशत कर दी गई है. 

दूसरा प्रमुख बदलाव में क्या-क्या है नए नियम?

माना जा रहा है, दूसरा प्रमुख बदलाव आयु सीमा को लेकर है. अब निवेशक 75 साल की बजाय 85 साल की आयु तक अपने निवेश को जारी रख सकते हैं या निकासी को पूरी तरह से टाल सकते हैं. इसके अलावा उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए बेहद ही फायदेमंद है, जो लंबे समय तक अपने फंड पर कंपाउंडिंग का सबसे ज्यादा फायदा लेना चाहते हैं. 

छोटे निवेशकों के लिए नियमों को बनाया गया सरल

इसके मुताबिक, छोटे निवेशकों के लिए नियमों को सरल बनाया गया है. अगर किसी निवेशक का कुल कॉर्पस (जमा राशि) 8 लाख रुपये या उससे कम है, तो वे बिना एन्युटी खरीदे पूरी 100 प्रतिशत राशि एक साथ निकाल सकते हैं. 8 से 12 लाख रुपये के बीच के फंड के लिए भी निकासी के विकल्पों में ज्यादा लचीलापन दिया गया है. PFRDA ने ‘सिस्टमैटिक यूनिट रिडेम्पशन’ (SUR) की सुविधा भी पेश की है, जिससे निवेशक एकमुश्त राशि लेने के बजाय मासिक या त्रैमासिक आधार पर अपनी पसंद की राशि निकाल सकेंगे.

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