Blockage in the veins of the body: शरीर की नसों में ब्लॉकेज
एक गंभीर लेकिन अक्सर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं यह स्वास्थ्य समस्या तब होती है जब नसों में फैट, कोलेस्ट्रॉल या अन्य पदार्थ जमा हो जाते हैं, जिससे खून का बहाव रुक जाता है। इसके लक्षणों में सांस फूलना, सीने में दर्द, हाथ-पैर सुन्न होना और थकान शामिल हैं।
एक लाइन में समाधान
स्मोकिंग छोड़ें यह आपकी नसों को नुकसान पहुंचा सकता है , इसलिए एक्सरसाइज शुरू करें, और हेल्दी डाइट अपनाएं इससे नसों को बचाएं, जीवन बढ़ाएं I
शरीर की नसों में ब्लॉकेज के सामान्य लक्षण
1- सांस फूलना - थोड़ा चलने पर ही थकान या घबराहट महसूस होना।
2-सीने में दर्द - विशेषकर बाईं ओर का भारीपन या जलन।
3-हाथ-पैर में सुन्नता या झनझनाहट - खासकर सुबह उठते वक्त।
4-चलते समय टांगों में दर्द — Peripheral artery blockage का संकेत।
5-धड़कनों का अनियमित होना -तेज या धीमी धड़कनें महसूस होना।
6-शरीर का एक हिस्सा ठंडा पड़ना - जैसे कि एक पैर या हाथ।
7-थकान, चक्कर आना या ब्लैकआउट -खून की कमी का असर दिमाग तक पहुंचता है।
कितने लोग प्रभावित होते हैं?
भारत में हर साल करीब 25-30 लाख लोग नसों की ब्लॉकेज या उससे जुड़ी बीमारियों से प्रभावित होते हैं।
WHO के अनुसार, हर तीसरा व्यक्ति 40 की उम्र के बाद किसी न किसी कार्डियोवैस्कुलर समस्या से जूझता है।
युवाओं में भी यह समस्या बढ़ रही है — खराब जीवनशैली, फास्ट फूड, तनाव और स्मोकिंग की वजह होती है इस बीमारी को डॉक्टर को तुरंत दिखाए।
ये समस्या होती क्यों है?
1.धूम्रपान – नसों को सिकोड़ता है और प्लाक जमा करता है।
2.फास्ट फूड और तला-भुना खाना – कोलेस्ट्रॉल जमा करता है।
3.एक्टिविटी की कमी – ब्लड फ्लो कम हो जाता है।
4.तनाव और डिप्रेशन – हार्मोनल असंतुलन के कारण नसों पर असर पड़ता है
5. शुगर और हाई ब्लड प्रेशर – नसों को धीरे-धीरे खराब करते हैं।
इससे कैसे बचें?
1. हेल्दी डाइट लें – ओमेगा-3, हरी सब्ज़ियाँ, फल, अनाज।
2. रोज़ाना व्यायाम करें – कम से कम 30 मिनट चलना या योग करना शुरू करे।
3. धूम्रपान और शराब छोड़ें – नसों को सीधा नुकसान पहुंचाते हैं।
4. स्ट्रेस मैनेज करें – मेडिटेशन, म्यूजिक, नींद पूरी करें।
5. समय-समय पर जांच कराएं – लिपिड प्रोफाइल, ब्लड शुगर, BP चेकअप कराये।
6. पानी ज्यादा पिएं – खून को पतला रखने में मदद करता है।