भारत की सबसे धीमी ट्रेन, 116 पुराना है इंजन, 1 घंटे में करती है 10km पुरा
Slowest Train In India: नीलगिरी पर्वत श्रृंखला में चलने वाली ये ऐतिहासिक ट्रेन भारत की सबसे धीमी और मनोरम ट्रेन यात्रा है. 116 साल पुराने इंजन और रैक-पिनियन सिस्टम के साथ यह यात्रा हरे-भरे जंगलों, झरनों और सुरंगों के बीच से गुजरते हुए प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत अनुभव देती है.
ट्रेन यात्रा की लोकप्रियता
ट्रेन से यात्रा करना बहुत आसान और सुविधाजनक है. टिकट की कम कीमत के कारण अधिकतर लोग इसे पसंद करते हैं. हमारे देश में प्रतिदिन हजारों ट्रेनें चलती हैं और लाखों लोग इसका उपयोग करते हैं. ट्रेन यात्रा केवल एक सफर नहीं, बल्कि आराम और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव भी है.
देश की सबसे धीमी ट्रेन
ये ट्रेन नीलगिरी पर्वत श्रृंखला में भारत की सबसे धीमी ट्रेन है. इसकी गति केवल 9–10 किमी/घंटा है, जिससे यात्री धीरे-धीरे पहाड़ों और हरे-भरे जंगलों का आनंद ले सकते हैं. इसे विदेशी यात्री “खिलौना ट्रेन” भी कहते हैं.
यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल
ये ट्रेन यात्रा यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का हिस्सा है. इसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व इसे केवल एक साधारण यात्रा नहीं, बल्कि एक अनुभवमय पर्यटन स्थल बनाता है.
धीमी गति और सुरक्षा कारण
ट्रेन की धीमी गति का कारण इसका रैक और पिनियन सिस्टम है. ऊटी और मेट्टुपालयम के बीच खड़ी ढलानों पर ब्रेक फेल हो सकते हैं, इसलिए प्रत्येक गियर को ट्रैक पर सेट किया जाता है. अधिकतम गति केवल 30 किमी/घंटा तक सीमित है.
पुराना इंजन और डिब्बे
ये ट्रेन 116 साल पुराने इंजन सिस्टम पर चलती है और इसके डिब्बे भी पुराने हैं. इसका निर्माण ब्रिटिश काल में हुआ था. सुरक्षा कारणों से इसकी गति धीमी रखी गई है, जिससे यात्रियों को आराम और सुरक्षा दोनों मिलती हैं.
रोमांचक मार्ग और संरचना
ये यात्रा 46 किलोमीटर की दूरी तय करती है और रास्ते में 208 सुरंगें तथा 250 पुल आते हैं. ये दृश्य और तकनीकी दृष्टि से यात्रा को रोमांचक और यादगार बनाते हैं.
प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद
ट्रेन यात्रा के दौरान हरे-भरे जंगल, झरने और बादलों के बीच से गुजरने का रोमांच मिलता है. ये अनुभव शहरी जीवन की भागदौड़ से दूर एक शांत और सुखद सफर प्रदान करता है.
समय-सारिणी और टिकट बुकिंग
ट्रेन संख्या 56136 सुबह 7 बजे मेट्टुपालयम से प्रस्थान करती है और दोपहर 12 बजे ऊटी पहुंचती है. वापसी की यात्रा दोपहर 2 बजे शुरू होती है और शाम 7 बजे मेट्टुपालयम लौटती है. ट्रेन में लगभग 90% सीटें भरी रहती हैं और टिकट बुकिंग तीन महीने पहले शुरू होकर जल्दी बिक जाती हैं.