Adani Seek Blessing: अडानी ने पूरे परिवार संग जोड़े जगन्नाथ भगवान के आगे हाथ और लिया आशीर्वाद
जगन्नाथ यात्रा 27 जून से शुरू हो चुकी है इस यात्रा की खुशी सभी लोगों में साफ-साफ नजर आ रही है। सभी लोग काफी दूर-दूर से जगन्नाथ यात्रा के दर्शन करने आ रहे हैं रथ खींचकर पुण्य कमाने की कोशिश करते है। अडानी ग्रुप के चेयरमैन भी जगन्नाथ यात्रा के दर्शन करने अपने पूरे परिवार के साथ पहुंच चुके हैं।
क्या है जगन्नाथ यात्रा
जगन्नाथ यात्रा हर साल उड़ीसा के पुरी शहर में होती है यह यात्रा भगवान जगन्नाथ और उनके बड़े भाई बलभद्र और उनकी बहन सुभद्रा के लिए निकाली जाती है ।यह यात्रा हर साल जून या जुलाई के महीने में निकाली जाती है। इसमें तीनों देवताओं को पुरी के श्री मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक ले जाया जाता है यह रास्ता 3 किलोमीटर लंबा है।
पूरे परिवार संग पहुंचे अडानी
गौतम अडानी जगन्नाथ यात्रा में अपने पूरे परिवार के साथ पहुंचे। उनके साथ उनकी पत्नी प्रीति अडानी और उनके बेटे करण भी नजर आए। गौतम अडानी ने अपने पूरे परिवार के साथ मिलकर जगन्नाथ भगवान के दर्शन किए।
गौतम अडानी ने बांटा प्रसाद
जगन्नाथ यात्रा के दौरान गौतम अडानी ने श्रद्धालुओं को अपने हाथों से प्रसाद बांटा। लोगों को साधारण थाली में खिचड़ी, लड्डू और छेना का प्रसाद दिया । उनका विनम्र व्यवहार देखकर लोग भावुक हो उठे।
गौतम अडानी की सुरक्षा का इंतेजाम
गौतम अडानी की यात्रा के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतेजाम किए गए थे। उनके चारों ओर बॉडीगार्ड्स और पुलिसकर्मी तैनात थे। भीड़ में धक्का-मुक्की न हो, इसके लिए एक घेरा बनाकर उन्हें आगे बढ़ाया गया।
गौतम अडानी ने जोड़े हाथ
गौतम अडानी जब श्रीजगन्नाथ जी के रथ के पास पहुंचे, तो उन्होंने श्रद्धा भाव से हाथ जोड़कर दर्शन किए। उस पल में उनका चेहरा शांत और भक्तिभाव से भरा हुआ दिखा। भीड़ के शोर के बीच अडानी कुछ पल आंखें बंद खड़े रहे और मन से प्रार्थना की।
कब तक चलती है यात्रा
जगन्नाथ यात्रा की बात करें तो यह यात्रा कुल मिलाकर लगभग 9 से 12 दिन तक चलती है। जब भगवान जगन्नाथ बलभद्र और सुभद्रा रथों में बैठकर श्री मंदिर से गुंडिचा मंदिर जाते हैं उसके बाद वहां 9 दिन तक आराम करते हैं। इस दौरान कई सारे यज्ञ, अनुष्ठान और सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं
कहां होती है यह यात्रा
जगन्नाथ यात्रा एक भव्य यात्रा है जो कि हर साल निकाली जाती है। यह जगन्नाथ यात्रा उड़ीसा राज्य के "पुरी"शहर में आयोजित की जाती है। 2025 में यह यात्रा 27 जून को शुरू हुई थी।
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