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शादीशुदा महिला और ‘शादी का वादा’, क्या है हाई कोर्ट का अहम फैसला?

Married Lady and High Court Decision: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि कानूनी रूप से विवाहित महिला को शादी के वादे पर यौन संबंधों के लिए सहमत किया जा सकता है. लेकिन, कार्ट ने यह भी माना कि महिला, जो एक वकील भी है, याचिकाकर्ता के साथ एक साल से ज्यादा समय तक सहमति से शारीरिक संबंध में थी, जबकि वह अपने पति के साथ शादीशुदा थी. जिसपर कोर्ट ने कहा कि शादी का अपमान है, न कि गलत धारणा के तहत सहमति. जिसके आधार पर  कोर्ट ने (IPC धारा 376) और धमकी (धारा 506) सहित दर्ज FIR को रद्द करने का सख्त से सख्त निर्देश दिया है. 


By: DARSHNA DEEP | Last Updated: November 19, 2025 7:05:46 PM IST

What is the court's decision? - Photo Gallery
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क्या है कोर्ट का फैसला?

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने शादी के वादे पर यौन संबंध से जुड़े मामले में अहम फैसला सुनाया है.

Court statement on married woman - Photo Gallery
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विवाहित महिला पर कोर्ट का बयान

कोर्ट ने यह माना कि शादीशुदा महिला को शादी के वादे पर यौन संबंधों के लिए सहमत नहीं किया जा सकता है.

Why did the court say it was unimaginable? - Photo Gallery
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कोर्ट ने क्यों बताया अकल्पनीय?

कोर्ट ने इसे 'कानूनन रूप से शादीशुदा महिला को सहमत किया जाना पूरी तरह से अकल्पनीय' बताया है.

Court's statement on consensual sex - Photo Gallery
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सहमति से संबंध पर कोर्ट का बयान

महिला और याचिकाकर्ता एक साल से ज्यादा समय तक सहमति से शारीरिक संबंध में थे.

What should be the status of marriage? - Photo Gallery
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क्या होनी चाहिए विवाह की स्थिति?

कोर्ट ने कहा कि संबंध के दौरान भी महिला अपने पति के साथ वैध रूप से विवाहित थी.

Should IPC Section 90 be applicable? - Photo Gallery
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क्या IPC धारा 90 होनी चाहिए लागू?

इसके साथ ही कोर्ट ने यह दावा करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में आपराधिक दायित्व के लिए IPC की धारा 90 किसी भी हाल में लागू नहीं की जा सकती है.

Why did the court cancel the FIR? - Photo Gallery
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कोर्ट ने क्यों किया FIR रद्द?

हाईकोर्ट ने मामले में दर्ज एफआईआर को भी रद्द करने का सख्त से सख्त निर्देश दिया है.

The woman is aware of her situation - Photo Gallery
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महिला अपनी स्थिति से है वाकिफ

इसके अलावा कोर्ट ने यह भी पाया कि महिला पेशे से वकील है और अपनी वैवाहिक स्थिति से अच्छी तरह से वाकिफ है.

Court statement on emotional trauma - Photo Gallery
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भावनात्मक आघात पर कोर्ट का बयान

एफआईआर की वजह याचिकाकर्ता की बहन से सगाई के कारण महिला को लगा भावनात्मक धक्का माना गया है.

Why was Section 506 repealed? - Photo Gallery
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धारा 506 को क्यों किया गया रद्द?

याचिकाकर्ता के शब्दों का खुलासा नहीं किया गया था, जिसकी वजह से कोर्ट ने धमकी यानी (धारा 506) के आरोप को भी पूरी तरह से रद्द कर दिया है.