अब आंखों की जांच से पता चल सकता है डायबिटीज़ और दिल की बीमारियों का बड़ा खतरा
Eye Check-Up, Heart Disease and Diabetes Diagnosis: आंखों की नियमित जांच सिर्फ दृष्टि की समस्याओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह मधुमेह (Diabetes) और हृदय रोग (Heart Disease) जैसी गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों के प्रारंभिक लक्षणों का पता लगाने का एक सबसे महत्वपूर्ण तरीका है. जल्दी पता चलने से गंभीर जटिलताओं, जैसे अंधापन या फिर हृदय संबंधी समस्याओं को जल्द से जल्द रोका भी जा सकता है. मधुमेह के रोगियों को हर साल, जबकि सामान्य लोगों को हर 2 साल में कम से कम एक बार आंखों की जांच करवानी चाहिए.
आंखों और आंतरिक स्वास्थ्य
आंखें शरीर की एकमात्र ऐसी जगह होती है, जहां डॉक्टर सीधे बिना चीर-फाड़ के रक्त वाहिकाओं यानी (Blood Vessels) को बेहद ही आसानी से देख सकते हैं.
मधुमेह का निदान
आंखों की नियमित जांच से अक्सर मधुमेह का निदान हो जाता है, भले ही मरीज़ को इसके कोई स्पष्ट लक्षण पहले से ही महसूस न हुए हों.
रेटिनोपैथी की पहचान
मधुमेह से होने वाले नुकसान, जैसे कि रेटिना की रक्त वाहिकाओं का क्षतिग्रस्त होना (रेटिनोपैथी), जांच के दौरान साफ-साफ दिखाई देता है.
मैक्युलर एडिमा
मधुमेह की वजह से रेटिना के मैक्यूला क्षेत्र में होने वाली सूजन (मैक्युलर एडिमा), जो धुंधली दृष्टि का कारण बनती है, आंखों की जांच में आसानी से पकड़ी जा सकती है.
मोतियाबिंद का खतरा
मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों में कम उम्र में मोतियाबिंद (Cataract) विकसित होने की प्रवृत्ति होती है, जिसका पता केवल जांच से ही पता चला सकता है.
हृदय रोग के संकेत
आंखों में उच्च रक्तचाप और मधुमेह की वजह से रक्त वाहिकाओं की क्षति हृदय रोग की तरफ अपना इशारा करने लग जाती है.
जायंट सेल आर्टेराइटिस
विशाल कोशिका धमनीशोथ जैसी गंभीर स्थिति, जो आंखों की रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करती है और दृष्टि हानि का भी सबसे बड़ा कारण बन सकती है.
प्रारंभिक पहचान का महत्व
आंखों की जांच से इन बीमारियों का प्रारंभिक चरण में ही पता लग जाता है, जब उपचार सबसे ज्यादा प्रभावित हो जाता है.
जटिलताओं से बचाव
जल्दी निदान से अंधापन (Blindness) और गंभीर हृदय संबंधी समस्याओं जैसी बड़ी जटिलताओं को रोका भी जा सकता है.
नियमित जांच की सलाह
सामान्य लोगों को हर 2 साल में कम से कम एक बार, और मधुमेह से पीड़ित लोगों को हर साल नेत्र परीक्षण (Eye Exam) करवाना चाहिए.