एलपीजी सिलेंडर की एक्सपायरी डेट जानना क्यों है जरूरी? घर में बैठे-ऐसे कर सकते हैं पहचान
Cylinder Expiry Date Checking: घर में उपयोग होने वाला एलपीजी सिलेंडर रोजमर्रा की ज़रूरी चीज़ है, लेकिन इसके इस्तेमाल में एक बड़ी लापरवाही आमतौर पर देखने को मिलती है—ज्यादातर लोग सिलेंडर की एक्सपायरी डेट देखते ही नहीं हैं. जबकि एक्सपायर सिलेंडर का इस्तेमाल गंभीर हादसे का कारण बन सकता है. इसलिए उसकी वैधता जांचना बेहद जरूरी है.
कोड के रूप में दर्ज होती है सिलेंडर की वैधता
खाने की वस्तुओं या दवाइयों की तरह ही एलपीजी सिलेंडर की भी एक निश्चित वैधता होती है. फर्क सिर्फ इतना है कि यह वैधता किसी लेबल पर नहीं, बल्कि सिलेंडर की बॉडी पर कोड के रूप में दर्ज होती है. उपयोगकर्ता अक्सर सिलेंडर पर छपे A-27, B-28, C-29 या D-30 जैसे कोड देखते हैं, लेकिन उनका मतलब समझ नहीं पाते.
ये कोड क्या बताते हैं?
कोड में मौजूद अक्षर सिलेंडर की एक्सपायरी वाली तिमाही का संकेत देते हैं.
A — जनवरी से मार्च
B — अप्रैल से जून
C — जुलाई से सितंबर
D — अक्टूबर से दिसंबर
ऐसे समझें सिलेंडर की वैधता
इसके बाद दिए गए दो अंक उस वर्ष को बताते हैं जिसमें सिलेंडर की वैधता खत्म होती है. उदाहरण के तौर पर, अगर किसी सिलेंडर पर D-30 लिखा है, तो इसका मतलब है कि वह सिलेंडर अक्टूबर से दिसंबर 2030 की अवधि में एक्सपायर होगा. इसी तरह B-28 का मतलब अप्रैल से जून 2028 तक की वैधता है.
एक्सपायर डेट के बाद सिलेंडर का उपयोग असुरक्षित
एलपीजी सिलेंडर की वैधता कोडिंग का यह सिस्टम पूरे देश में एक समान लागू होता है, जिससे उपभोक्ता आसानी से इसे पहचान सकें. एक्सपायर डेट के बाद सिलेंडर का उपयोग असुरक्षित माना जाता है, क्योंकि लंबे समय तक धातु के कमजोर होने और आंतरिक दबाव के कारण रिसाव या दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है.
क्या करें उपभोक्ता?
घर में मौजूद सिलेंडर का इस्तेमाल शुरू करने से पहले उसकी एक्सपायरी डेट जरूर जांच लें. अगर सिलेंडर की तारीख निकल चुकी है या समाप्ति के करीब है, तो तुरंत गैस एजेंसी से नया सिलेंडर मंगवाएं और एक्सपायर सिलेंडर को वापस कर दें.
जरूर से करें एलपीजी सिलेंडर की एक्सपायरी की जांच
एलपीजी सिलेंडर की एक्सपायरी जानकारी छोटे से कोड में छिपी होती है, लेकिन यही जानकारी आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करती है. इसलिए हर उपभोक्ता को सिलेंडर के कोड की जांच करने की आदत डालनी चाहिए, ताकि किसी भी संभावित खतरे से बचा जा सके.