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माता-पिता ना होने पर घर से कौन कर सकता है लड़की का कन्या दान? 

हिंदू धर्म में शादी के दौरान किया गया कन्या दान सबसे बड़ा दान माना जाता है.

इस विधि में माता-पिता अपनी बेटी को वर को सौंपते हैं. लेकिन अगर माता-पिता जीवित ना हों, तो फिर घर से कौन कन्या दान कर सकता है.

हिंदू धर्म के अनुसार कन्या दान करने वाला व्यक्ति नैतिक, सम्मानित और कन्या का हितैषी होना जरूरी होता है, क्योंकि उसका आशीर्वाद विवाह को मजबूती देता है.

शास्त्रों के अनुसारा माता पिता ना हो, तो घर में लड़की का बड़ा भाई कन्या दान कर सकता है, क्योंकि बड़ा भाई पिता के समान ही माना जाता है

अगर कोई बड़ा भाई ना हो, तो चाचा यानी पिता का भाई भी कन्या दान कर सकता है. क्योकि चाचा को पितृवंश का प्रतिनिधि माना जाता है

अगर चाचा ना हो या किसी कारण से शादी में उपलब्ध ना हो तो मामा भी कन्या दान का अधिकार रखता है, क्योंकि बहन की बेटी भी पुत्री की तरह होती है.

निकट कोई रिश्तेदार ना हो, तो दादा या परदादा भी कन्या दान कर सकते हैं, क्योंकि वो परिवार की जड़ होते हैं और उनके आशीर्वाद से विवाह मजबूत होता है.

अगर सगे भाई ना हो, तो चचेरा या सौतेला भाई भी कन्या दान की विधि को कर सकते हैं, क्योंकि रक्त से अधिक कुल की एकता मायने रखती है

अगर किसी भई वजह से कोई पुरुष या रिश्तेदार कन्या दान के लिए ना हो, तो कन्या भी स्वयं दान कर सकती है, हिंदू धर्म में इसे 'स्वयंदान' कहते हैं

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