क्या जगह बदलने से बदल जाता है वजन? सच जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान
हम सभी अपने वजन को लेकर चिंतित रहते हैं। कभी स्वास्थ्य की दृष्टि से, तो कभी सुंदरता और फिटनेस के लिए हम इसे मापते रहते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यदि आप किसी और देश में जाएँ तो आपका वजन बदल सकता है? यह सुनने में अजीब लगता है, पर यह बिल्कुल सच है।
वजन और मास का फर्क (The difference between weight and mass)
अक्सर लो मासऔर वजन को एक ही मान लेते हैं, जबकि दोनों में अंतर है। द्रव्यमान स्थिर रहता है और किसी भी स्थान पर नहीं बदलता। लेकिन वजन, पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल पर निर्भर करता है। जहाँ गुरुत्वाकर्षण अधिक होगा, वहाँ वजन ज्यादा होगा और जहाँ यह कम होगा, वहाँ वजन घट जाएगा।
पृथ्वी का आकार और गुरुत्वाकर्षण(The shape and gravity of the Earth)
पृथ्वी पूरी तरह गोल नहीं है, बल्कि ध्रुवों पर चपटी और भूमध्य रेखा पर थोड़ी उभरी हुई है। इसका सीधा असर गुरुत्वाकर्षण पर पड़ता है। ध्रुवों पर व्यक्ति पृथ्वी के केंद्र के करीब होता है, इसलिए वहाँ उसका वजन ज्यादा होता है।
अलग-अलग देशों में वजन का अंतर (Difference in weight in different countries)
यदि कोई व्यक्ति भारत से भूमध्य रेखा पर बसे देश जैसे इक्वाडोर या केन्या जाए, तो उसका वजन थोड़ा कम हो जाएगा। लेकिन यदि वही व्यक्ति ग्रीनलैंड या कनाडा जैसे उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्रों में पहुँचेगा, तो उसका वजन कुछ ग्राम से लेकर सैकड़ों ग्राम तक बढ़ सकता है।
कितनी ऊँचाई पर जगह है (How high is the place?)
सिर्फ देशों के बीच ही नहीं, बल्कि समुद्र तल और ऊँचाई वाले इलाकों में भी वजन बदलता है। समुद्र तल पर गुरुत्वाकर्षण अधिक होता है, जबकि ऊँचाई पर यह कम हो जाता है।
साइअन्टिफिक सर्च और प्रयोग (Scientific research and experiments)
विज्ञान ने यह साबित किया है कि पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में लगातार सूक्ष्म परिवर्तन होते रहते हैं। कहीं खनिजों की अधिकता होती है, तो कहीं महासागरों का दबाव गुरुत्वाकर्षण को प्रभावित करता है।
disclaimer
प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है