Bijli Mahadev Temple, Kullu: कुल्लू का रहस्यमयी मंदिर, जहां हर 12 साल में शिवलिंग पर गिरती है आकाशीय बिजली
Bijli Mahadev Temple, Kullu: हिमाचल के कुल्लू में 2460 फीट की ऊंचाई पर स्थित बिजली महादेव नमक इस प्राचीन शिव मंदिर में हर 12 साल में एक अनोखी घटना घटित होती है, आकाशीय बिजली मंदिर में गिरती है और शिवलिंग को खंडित कर देती है आइए जानते है इससे जुड़ी कुछ बाते..
आध्यात्मिक केंद्र
यह मंदिर कुल्लू की हसीन घाटी से लगभग 13त है, यहां तक जाने के लिए आपको लगभग 3 किलोमीटर ऊंची चढ़ाई करनी पड़ेगी।
पौराणिक मान्यता
पौराणिक मान्यताओं और कथाओं के अनुसार यह स्थान पहले देव पर कई देवताओं और साधु संतों ने अपनी तपस्या की थी।
आकाशीय बिजली
इस मंदिर का नाम बिजली महादेव पड़ने के पीछे एकय बिजली गिरती है, यह कोई एक संयोग नहीं बल्कि लोगों का धार्मिक विश्वास है कि यह स्वयं महादेव की शक्ति का प्रमाण है।
शिवलिंग
हर 12 साल में बिजली के गिरने की वजह से शिवलिंग टूट जाता है, उरी मिलकर खंडित शिवलिंग को मक्खन और घी से बने मिश्रण से जोड़ते हैं मान्यता है कि कुछ समय बाद यह शिवलिंग फिर से अपने पुराने स्वरूप जैसा ही हो जाता है।
त्रिशूल
मंदिर के ऊपरी सिरे में लोहे और धातु का बना एक विशालकी वजह से बिजली मंदिर की तरफ आकर्षित होती है।
वरदान
बिजली का गिरना एक अनहोनी मानी जाती है, लेकिन न शिव की कृपा से जोड़ा जाता है ,श्रद्धालु इसे चमत्कार मानते हैं और ऐसी मान्यता है कि इसकी वजह से यहां की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है।
प्राकृतिक सौंदर्य
इस मंदिर की चढ़ाई भले कठिन है लेकिन यहां पहुंचने के बाद आपको प्रकृति का एक अलग नजारा दिखाई देता है, कुल्लू घाटी का 360 डिग्री व्यू आपके मन को मोह लेता है व यहां के देवदार जंगल, बर्फीले पर्वत श्रद्धालुओं को काफी पसंद आते हैं।
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