Roti vs Rice: जानें रात के समय चावल और रोटी में से क्या खाने से कम होता है वजन
Roti vs Rice: लोग अपना वजन घटाने के लिए तरह-तरह के ट्रीटमेंट कराते हैं लेकिन अक्सर उनके दिमाग में यह बात आती है कि उन्हें रात के समय क्या खाना चाहिए रात के समय हमें सही भोजन करना चाहिए जिससे कि हमारे पोषण पाचन क्षमता और वजन किसी पर भी असर न पड़े
रोटी में भरपूर मात्रा मे फाइबर
गेहूं में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है और गेहूं से ही रोटी बनती हैं। फाइबर हमारे पाचन में एक महत्वपूर्ण रोल निभाता है जिससे कि हमारा पेट काफी समय तक भरा हुआ महसूस होता है और हम ओवर ईटिंग से बच सकते हैं
जल्दी पच जाता है चावल
चावल में अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है जो कि जल्दी पच जाता है जिसके कारण हमे जल्दी भूख लगने लगती है तो हम ओवर इटिंग कर लेते हैं।
पोषण से भरपूर होती है रोटी
रोटी गेहूं से बनती है तो रोटी में आयरन, जिंक, मैग्नीशियम जैसे सभी विटामिन पाए जाते हैं जो कि हमारे शरीर को काफी हेल्दी रखने में मदद करते हैं अगर बात की जाए चावल और रोटी के न्यूट्रिशन की तो चावल की तुलना में रोटी में अधिक न्यूट्रीशन होता है।
रोटी करती है भूख को कंट्रोल
रोटी में काफी ज्यादा फाइबर होते हैं जिसके कारण पेट काफी देर तक भरा लगा रहता है और यह धीरे-धीरे पचती है जिससे कि एक्स्ट्रा कैलोरीज की खपत नहीं होती है और यह वजन घटाने में यह एक जरूरी हिस्सा बन सकती है।
चावल वजन पर असर डालता है
रात में चावल खाने से हमारा शरीर काफी रिलैक्स फील करता है क्योंकि यह काफी हल्का होता है और जल्दी पच जाता है लेकिन इसके कारण शरीर में फैट बढ़ सकता है क्योंकि चावल जल्दी पच जाता है तो हमें बार-बार भूख लगती है और हम ओवर ईटिंग कर लेते हैं।
रोटी की मात्रा कंट्रोल करना आसान
जब भी हम खाना खाने बैठते हैं तो रोटी को गिनना आसान होता है जैसे कि हमें जितनी भूख हो उतनी रोटी गिनकर खा सकते हैं लेकिन वही अगर चावल की मात्रा गिनना मुश्किल होता है,जिससे हम चावल की ओवर इटिंग कर लेते है और हमारे वजन पर असर पड़ता हैं।
चावल में ग्लायसेमिक इंडेक्स होता है
चावल एक हाई ग्लायसेमिक इंडेक्स वाला खाना होता है यह शरीर में ग्लूकोज के रूप में जल्दी टूट जाता है जिससे हमारे शरीर में फैट इकट्ठा हो जाता है और वजन बढ़ सकता है इसलिए काम gi वाला खाना खाना चाहिए।
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है.