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चलती ट्रेन में बिगड़े स्वास्थ्य तो कैसे बुलाएं डॉक्टर, यहां जानें रेलवे कैसे करेगा आपकी मदद?

Railways Doctor Helpline: भारतीय रेलवे रोजाना करोड़ों यात्रियों को लंबी दूरी की यात्रा की सुविधा देता है. सफर के दौरान मौसम में बदलाव, थकान या पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याओं के कारण कई बार यात्रियों की तबीयत अचानक बिगड़ जाती है. चलती ट्रेन में चक्कर आना, बीपी लो होना, उल्टी, बुखार या एलर्जी जैसी परेशानियां आम हैं. ऐसे समय में सबसे बड़ी चिंता यह होती है कि तुरंत मेडिकल मदद कैसे मिले. इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे ने ट्रेनों में सफर कर रहे यात्रियों के लिए चलती ट्रेन में ही मेडिकल सहायता की सुविधा उपलब्ध कराई है.


By: Shubahm Srivastava | Published: December 14, 2025 2:52:31 AM IST

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रेलवे में यात्रा के दौरान तबीयत खराब होने पर क्या करें?

अगर ट्रेन में यात्रा के दौरान किसी यात्री की तबीयत अचानक खराब हो जाए, तो सबसे आसान और तेज तरीका रेलवे की हेल्पलाइन 139 पर कॉल करना है. यह हेल्पलाइन 24×7 सक्रिय रहती है. कॉल करने पर यात्री को अपनी कोच संख्या, सीट या बर्थ नंबर और समस्या की पूरी जानकारी देनी होती है. यह सूचना तुरंत रेलवे के कंट्रोल रूम तक पहुंच जाती है, जिससे आगे की कार्रवाई शुरू हो जाती है.

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टीटीई या ट्रेन के गार्ड को जानकारी दें

कई बार ट्रेन के अंदर मोबाइल नेटवर्क नहीं मिलता या कॉल कनेक्ट नहीं हो पाता. ऐसी स्थिति में यात्री या उसके साथ मौजूद व्यक्ति को तुरंत टीटीई (ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर) या ट्रेन के गार्ड को जानकारी देनी चाहिए. टीटीई और गार्ड के पास रेलवे का आधिकारिक कम्युनिकेशन सिस्टम होता है, जिसके जरिए वे अगले स्टेशन को अलर्ट कर देते हैं.

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अगले स्टेशन पर डॉक्टर-मेडिकल स्टाफ पहले से मौजूद रहता है

इसके बाद ट्रेन जिस स्टेशन पर रुकती है, वहां रेलवे की ओर से डॉक्टर या मेडिकल स्टाफ पहले से मौजूद रहता है. प्लेटफॉर्म पर पहुंचते ही डॉक्टर मरीज की जांच करता है और तुरंत प्राथमिक इलाज शुरू कर देता है.

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यात्रियों को फीस के तौर पर देने होते हैं 100 रुपये

रेलवे की इस मेडिकल सुविधा के तहत डॉक्टर की जांच के लिए यात्रियों से केवल 100 रुपये फीस ली जाती है. यह शुल्क तय है और इससे अधिक राशि नहीं ली जा सकती. सामान्य बीमारी की स्थिति में डॉक्टर द्वारा दी जाने वाली एक खुराक दवा मुफ्त होती है. हालांकि, अगर मरीज को अतिरिक्त दवाओं, इंजेक्शन या किसी विशेष इलाज की जरूरत पड़ती है, तो उसके लिए अलग से शुल्क लिया जा सकता है.

बेहोशी, हार्ट से जुड़ी समस्या पर रेलवे की व्यवस्था

अगर किसी यात्री की हालत गंभीर हो, जैसे बेहोशी, हार्ट से जुड़ी समस्या, गंभीर चोट या एक्सीडेंट जैसी स्थिति, तो रेलवे तुरंत अगले स्टेशन पर एम्बुलेंस और मेडिकल टीम की व्यवस्था करता है. ऐसे मामलों में मरीज को नजदीकी सरकारी या रेलवे द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पताल में भर्ती कराया जाता है, ताकि समय पर उचित इलाज मिल सके.

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सभी ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए सुविधा उपलब्ध

यह मेडिकल सुविधा मेल, पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्रा करने वाले सभी यात्रियों के लिए उपलब्ध है. बस जरूरत है सही समय पर सही व्यक्ति को सूचना देने की. रेलवे की इस व्यवस्था से सफर के दौरान अचानक आने वाली मेडिकल इमरजेंसी में घबराने की बजाय यात्री तुरंत मदद पा सकते हैं और बड़ी परेशानी से बच सकते हैं.